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PC: patrika
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप राजस्थान सरकार ने राज्य की खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंगलवार को खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने खुलासा किया कि राशन वितरण प्रणाली के तहत बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थियों को गेहूं मिल रहा है।
नए उपायों के तहत, ट्रैक्टर व निजी कॉमर्शियल वाहनों को छोड़कर चौपहिया वाहन मालिक एवं आयकर रिटर्न भरने वाले को खाद्य सुरक्षा सूची से बाहर किया जाएगा।
1 नवंबर से कोई राशन नहीं
सरकार ने आयकर विभाग से आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लाभार्थियों की सूची मांगी है। साथ ही, योजना के तहत सभी लाभार्थियों को अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। वर्तमान में, राजस्थान में इस योजना के तहत 4.43 करोड़ से अधिक नाम सूचीबद्ध हैं, लेकिन 82.55 लाख से अधिक लाभार्थियों ने अभी तक अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है।
यदि ये व्यक्ति 31 अक्टूबर तक ई-केवाईसी पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनके नाम योजना से हटा दिए जाएंगे, और उन्हें 1 नवंबर से गेहूं का राशन नहीं मिलेगा। लाभार्थी सूची में नाम जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर तीन सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जिसमें एक स्कूल प्रिंसिपल, एक पटवारी (स्थानीय राजस्व अधिकारी) और एक ग्राम सेवक (ग्राम विकास अधिकारी) शामिल होंगे। समिति की सिफारिशों के आधार पर ही खाद्य सुरक्षा योजना में नाम बहाल किए जाएंगे।
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