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इंटरनेट डेस्क। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित फोन टैपिंग मामले में कई लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा दायर याचिका को मंजूर कर लिया। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय दर्ज इस मामले में दिल्ली पुलिस को प्रदेश में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अब प्रदेश की भाजपा सरकार ने 20 जुलाई को पूर्ववर्ती अशोके गहलोत सरकार के समय दायर याचिका को रद्द करने की मांग की थी। भजनलाल सरकार की इस मांग को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दे दी। अब दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा मामले की जांच नए दौर से शुरू करेगी। ऐसे में इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा सहित कई लोगों की मुश्किलें बढ़ेगी।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दर्ज करवाया था ये मुकदमा
आपको बात दें कि केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले को लेकर अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ दिल्ली क्राइम बांच में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर कराई थी।
अशोक गहलोत सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दायर की थी ये याचिका
केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दर्ज एफआईआर के खिलाफ तब की अशोक गहलोत सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। उसने सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान के मुकदमे में जांच करने का अधिकार राजस्थान ही रखने को लेकर याचिका दायर की थी।
PC: livehindustan
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