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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने अब विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में मंगलवर को एक्स के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्होंने पोस्ट किया कि राजस्थान की विधानसभा में आज नव निर्वाचित विधायकों की शपथ के कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करके अधिनायकवाद की स्थापना करते हुए नजर आए, चूंकि कोई भी विधायक संबंधित क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधि है और लाखों मतदाता उन्हें चुनकर भेजते है और विधानसभा में संसदीय परम्परा भी रही है कि विधानसभा सत्र के समय ही नव - निर्वाचित विधायकों की शपथ होती रही है, मगर विधानसभा अध्यक्ष ने खींवसर सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचित हुए नव निर्वाचित विधायकों की शपथ का कार्यक्रम सदन में ना रखते हुए खुद के कक्ष (कार्यालय) में रखा।
साथ ही जिस तरह मुख्य सडक़ पर स्थित पश्चिमी द्वार पर नव निर्वाचित विधायकों की तलाशी लेकर उन्हें विधानसभा में प्रवेश के लिए 200 मीटर से अधिक पैदल ले जाया गया। जबकि नव निर्वाचित विधायक को चुनाव में विजेता घोषित होने के साथ ही विधानसभा सदस्य के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाएं प्रारंभ हो जाती है ऐसे में नव निर्वाचित विधायक किसी भी गाड़ी में बैठकर विधानसभा में जा सकते थे, मगर जो दृश्य विधानसभा के द्वार पर देखने को मिला व गिनती करके विधायकों के साथ गए लोगो को प्रवेश दिया गया।
विधायकों के साथ उस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि यह दृश्य उन विधायकों के साथ उस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है, जिन्होंने वोट देकर उन विधायकों को इस पवित्र सदन में चुनकर भेजा और इस पूरे मामले में विधानसभा के दूसरे सबसे बड़े दल कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कोई वक्तव्य तक नहीं आना यह दर्शा रहा है कि राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में बैठे जिम्मेदारों को विधायकों की गरिमा का कोई खयाल तक नहीं है।
भजनलाल शर्मा को देना चाहिए वक्तव्य
चूंकि मुख्यमंत्री सदन के नेता होते है ऐसे में मेरी सीएम भजनलाल शर्मा से मांग है कि इस विषय पर उन्हें खुद को वक्तव्य देना चाहिए, क्योंकि कहीं न कहीं देश में जो अधिनायकवाद बढ़ता जा रहा है उसका प्रतिबिंब आज वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में दिखाया। साथ ही आनन-फानन में शपथ का कार्यक्रम करवाने से बेहतर होता कि विधानसभा अध्यक्ष विशेष सत्र आहूत कर लेते, ताकि शपथ के साथ राजस्थान के वर्तमान हालातों पर भी चर्चा हो जाती।
PC: zeenews.
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