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जयपुर। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समक्ष मानवीय मूल्य बचाए रखने की आज बड़ी चुनौती है। अंधाधुंध जल-दोहन से राजस्थान ही नहीं देशभर में जल संकट की स्थितियां बन रही हैं। विश्वविद्यालय इन चुनौतियों के आलोक में शैक्षिक पहल करते हुए कार्य करे। ये बात राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने आज राजस्थान विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह और वहां निर्मित संविधान पार्क के लोकार्पण पश्चात आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस दौरान कहा कि वही शिक्षा सार्थक है जो विद्यार्थी को पाठ्यपुस्तकों के साथ परिवेश की समझ से जोड़े। रटन्त शिक्षा डिग्री प्रदान कर सकती है पर जीवन में आगे नहीं बढ़ा सकती। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति को पूरी तरह से अपने यहां लागू करने और ऐसे पाठ्यक्रम बनाने पर जोर दिया जिनसे भारत विकास की राह पर तेजी से अग्रसर हो सके।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस दौरान बोल दिया कि संविधान से जुड़ी सोच देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली नई पीढ़ी संविधान के मर्म को समझे, इसी उद्देश्य से राजभवन की पहल पर विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क निर्मित करने की पहल हुई है।
PC: dipr.rajasthan
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