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इंटरनेट डेस्क। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) में लाभार्थी बनकर गरीबों के हक का गेहूं उठाने वाले कर्मचारियों पर राजस्थान सरकार की ओर से काईवाई की जाएगी। भजनलाल सरकार अब इन कर्मचारियों से गेहूं की बाजार कीमत 27 रुपए किलो के हिसाब से वसूली की जाएगी। राजस्थान सरकार की ओर से 83679 कर्मचारियों में से 16382 से पांच वर्षों बाद भी वसूली नहीं कर सकी है।
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में सामने आए इस मामले में अब तक 67297 कार्मिकों से केवल 82 करोड़ 66 लाख रुपए की वसूली ही सरकार कर सकी है। प्रदेश के इन सरकारी कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में लाभार्थी बनकर गरीब के हिस्से का गेहूं 1 से 2 रुपए किलो में लिया था।
16382 सरकारी कर्मचारियों को जारी हो चुका है नोटिस
खबरों के अनुसार, राजस्थान सरकार की ओर से पांच साल बाद भी रुपए जमा नहीं कराने वाले 16382 सरकारी कर्मचारियों को वसूली के लिए नोटिस दिए गए हैं। बकाया नहीं चुकाने पर इन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सरकार की ओर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुमित गोदारा ने अधिकारियों को दे दिया है निर्देश
खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने जिला रसद अधिकारियों (डीएसओ) को इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने इन कर्मचारियों से वसूली में तेजी लाने के लिए कहा है। राज्य और केंद्रीय दोनों ही कर्मचारियों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत गेहूं उठाया है। आपको बता दें कि एनएफएसए में सरकारी कार्मिकों के पात्र बनकर गेहूं उठाने की शिकायतों के बाद साल 2020 में जिला रसद अधिकारियों द्वाररा मामले की जांच कराई थी।
PC: bbc
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