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PC: rajasthan.ndtv
राजस्थान में शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। भजनलाल सरकार शिक्षकों की रिटायरमेंट एज बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष निर्धारित है, लेकिन इसे बढ़ाकर 65 वर्ष करने की योजना है। मुख्यमंत्री स्तर पर इस पर विचार-विमर्श चल रहा है और जल्द ही इस पर महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा हो सकती है। यदि यह परिवर्तन लागू होता है, तो इससे राज्य के हजारों शिक्षकों का करियर पांच साल और बढ़ जाएगा, जिससे कई परिवारों की आय में वृद्धि होगी।
सेवानिवृत्ति आयु और वार्षिक पदोन्नति पर विचार-विमर्श
21 जून को योग दिवस के अवसर पर जयपुर में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शामिल हुए। शिक्षकों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा, "हमारी सरकार कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने पर विचार-विमर्श कर रही है। साथ ही, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हर विभाग में कर्मचारियों को वार्षिक पदोन्नति और बुनियादी सुविधाएं मिलें।"
गौरतलब है कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग पिछली गहलोत सरकार के दौरान भी उठी थी। वर्तमान में राजस्थान के शिक्षा विभाग में प्राचार्य, व्याख्याता, पुस्तकालयाध्यक्ष और प्रशासनिक कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष है।
सरकारी नौकरियों के लिए मासिक भर्ती
इससे पहले अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 62वें प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा ने महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा, "हम किसी भी विभाग में कोई रिक्त पद खाली नहीं छोड़ेंगे। सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होते ही रिक्त पदों की सूची तैयार करें और सुनिश्चित करें कि हर महीने भर्तियां की जाएं।"
पिछली कांग्रेस सरकार की आलोचना
अपने भाषण में सीएम शर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने ऐसे स्कूल खोले जहां शिक्षक नहीं थे और ऐसे कॉलेज खोले जहां प्रोफेसर नहीं थे। आज कुछ कॉलेजों में केवल 11, 15 या 20 छात्र हैं, जो कांग्रेस प्रशासन की विफलताओं को उजागर करता है। पिछली सरकार ने जल जीवन मिशन में भी भ्रष्टाचार किया, जिससे जनता को नुकसान हुआ।"
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