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इंटरनेट डेस्क। पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं का धरना पुलिस ने भले ही जबरन खत्म करवा दिया हो, लेकिन अब ये मामला ज्यादा तुल पकड़ गया है। इस मामले में सांसद किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत बिगड़ जाने के बाद सरकार तो भाजपा के निशाने पर आई ही है। साथ ही गहलोत सरकार अपनों के निशाने पर भी है।
राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच तो वैसे ही 36 का आंकड़ा है। ऐसे में वो कैसे चुप रहने वाले है। उन्होंने यह भी कहा की किसी को अपने अहंकार को रास्ते में नहीं आने देना चाहिए। अगर कुछ मांगे हैं, तो उन्हें पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने बिना अशोक गहलोत का नाम लिए निशाना साधा। साथ ही कहा की देश में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम वीरों की बात सुनने को भी तैयार नहीं हैं। चाहे आप सहमत हों या असहमत यह बात बाद की है। जानकारी के अनुसार सचिन पायलट ने ये भी कहा की इस मामले को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था। जिस तरह से पुलिस ने उनके साथ व्यवहार किया, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।