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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के बयानों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल पर निशाना साधा है।
राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस संबंध में मंगलवार को एक्स के माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल ने अमित शाह की माफी से ध्यान भटकाने के लिए सिर्फ मनगढ़ंत झूठ एवं तथ्यहीन आरोप लगाया है। शर्म की बात है कि संविधान निर्माता का अपमान करने वाले दोषी के पक्ष में उस व्यक्ति को मजबूरन बयान देना पड़ रहा है, जो स्वयं संवैधानिक पद पर विराजमान हैं।
अमित शाह के बयान पर सफाई देने वाले मुख्यमंत्री को प्रदेश की ध्वस्त होती कानून व्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर भी बयान देना चाहिए था। मुख्यमंत्री को उस बेटी की सुरक्षा के लिए भी बयान देना चाहिए था, जिसका आज डीग में सरेआम अपहरण हुआ। मुख्यमंत्री को उन युवाओं के लिए भी बयान जारी करना चाहिए था, जिन्हें भाजपा की सरकार में सालभर बाद भी ना नौकरी और ना बेरोजगारी भत्ता मिला।
मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करने का कितना भी प्रयास कर लें, लेकिन बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के लिए अमित शाह की अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है। अमित शाह के बयान से देश की जनता भयंकर आहत है, उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी। बाबा साहेब के लिए अमित शाह का घृणित बयान भाजपा की संविधान एवं दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है।
अंबेडकर के सिद्धांत एवं उनके विचारों को लेकर भाजपा नेताओं के मन में सिर्फ और सिर्फ द्वेष भरा है। संविधान की जगह मनुस्मृति को मानने वाले लोग बाबा साहेब के प्रति सम्मान और श्रद्धा रखने वालों से भी नफरत करते हैं।
भाजपा ने अंबेडकर की विचारधारा को नहीं बल्कि उनकी तस्वीर को बढ़ावा देने का स्वांग किया
बाबा साहेब ने जिस संविधान के लिए पूरी जिंदगी लगा दी, भाजपा उस संविधान को बदलना चाहती है। अंबेडकर ने संविधान में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अधिकार दिए हैं, लेकिन भाजपा उसको खत्म करना चाहती है। पूरा देश जानता है कि भाजपा ने भीमा कोरेगांव कांड के बाद कैसे अंबेडकरवादियों का दमन किया।
इनकी दूषित मानसिकता का सबूत है कि भाजपा सरकारों में उच्च प्रशासनिक पदों पर दलितों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता। जहां भी भाजपा की सरकार होती है, वहां दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार के मामले अप्रत्याशित बढ़ते हैं। भाजपा सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ लाकर संविधान के मूल संघीय ढांचे को खत्म करना चाहती है, जो खुलेआम बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ाना है। सच ये है कि भाजपा ने अंबेडकर की विचारधारा को नहीं बल्कि उनकी तस्वीर को बढ़ावा देने का स्वांग किया है, वो सिर्फ वोट हासिल करने के लिए।
PC: bhaskar
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