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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा को लेकर भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी बात कही है। डोटासरा ने एक्स के माध्यम से कहा कि भाजपा सरकार ने डेढ़ साल में शिक्षा व्यवस्था का बेड़ागर्क करके रख दिया है, विभाग की निष्क्रियता ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
शिक्षा में नवाचार, विभागीय कार्यों और योजनाओं की क्रियान्वित की बजाय इनके मंत्रियों का काम सिर्फ ओछी बयानबाजी, टीका-टिप्पणी और पूर्ववर्ती सरकार पर दोषारोपण करने का रह गया। हालात ये हैं कि शिक्षा सत्र 2024-25 समाप्त हो गया, लेकिन खोखले दावों के सिवा धरातल पर एक भी काम नहीं हुआ। पूरा सत्र निकल गया, लेकिन एक विद्यार्थी को यूनिफॉर्म और बैग की राशि नहीं मिली। जबकि 56 लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म और स्कूल बैग मिलना था। समग्र शिक्षा के तहत 1382 पदों पर 7 महीने पहले हुए ऑनलाइन इंटरव्यू का अब तक परिणाम जारी नहीं हुआ।
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में रिक्त पड़े 17 हजार से अधिक पदों में से एक पद नहीं भरा। विभागीय कार्मिकों की परीक्षा भी हुई, लेकिन 8 महीने बाद भी चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिली। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए बनी कमेटी कोई निर्णय नहीं कर पाई। सरकार की गफलत और मंत्री द्वारा बार-बार अंग्रेजी स्कूलों को बंद करने की बयानबाजी से स्कूलों का नामांकन घट गया। राजकीय विद्यालयों का कुल नामांकन भी कम हो रहा है।
1 साल में 450 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया
गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा कि 20 हजार से अधिक पदोन्नत व्याख्याताओं, उपप्राचार्यों, प्राचार्यों, जिला शिक्षा अधिकारियों का पदस्थापन नहीं हुआ। नए स्कूल खोलने एवं इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जगह 1 साल में 450 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया। शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार पूरी तरह फिसड्डी रही। अब तक 2023-24 काा आरटीई का अनुदान भी जारी नहीं हुआ। क्रमोन्नत विद्यालयों के न्यूनतम आवश्यक पदों का आवंटन नहीं हो सका। नामांकन के आधार पर स्टाफिंग पैटर्न नहीं हो सका। विभाग कोई सकारात्मक नवाचार नहीं कर सका। विभागीय योजनाओं के केवल नाम परिवर्तन किया गया। विद्यालय संचालन की न्यूनतम आवश्यकताओं हेतु विद्यालयों को प्राप्त होने वाली स्कूल कंपोजिट ग्रांट प्राप्त नहीं हुई। एक भी सरकारी योजना का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हुआ, विभाग हर मोर्चे पर फेल रहा है।
PC: navbharattimes
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