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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में इसी महीने होने वाले विधानसभा उपचुनाव के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार गत अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में बने नए जिलों को लेकर बड़ा बदम उठाने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार द्वारा गठित मंत्रियों की कमेटी की ओर से प्रदेश के नए जिलों की समीक्षा लगभग पूरी कर ली है। खबरों के अनुसार, इस कमेटी द्वारा उपचुनावों के बाद भजनलाल सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश की जाएगी।
प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से इसी माह छोटे जिलों के भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा। कमेटी ने माना है कि जिलों को मापदंडों के आधार पर अन्य जिलों में मिलाया जा सकता है, जिससे प्रशासनिक दक्षता में सुधार हो सकता है। खबरों के अनुसार, रिव्यू कमेटी की ओर से अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में बने छोटे जिलों को समाप्त करने की सिफारिश की गई है। कमेटी में शामिल मंत्रियों की ओर से संकेत मिला है कि पूर्व आईएएस ललित के पंवार की रिपोर्ट के आधार पर जिलों की समीक्षा की गई है।
इन जिलों पर भाजपा की ओर से जताई गई थी आपत्ति
कमेटी की ओर से जनसंख्या और क्षेत्रफल अधिक वाले जिले, जहां लोगों की सुविधा के लिए जिला होना जरूरी है, केवह उन्हें बरकरार रखने की सिफारिश की गई है। इससे अब गहलोत राज में बने दूदू, सांचौर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी पर खतरा मंडराने लगा है। विपक्षी में रहने के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से इन जिलों के निर्माण पर आपत्ति जताई थी। अब समय ही बनाएगा कि सरकार का अन्तिम निर्णय क्या होता है।
PC: dipr.rajasthan
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