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pc: timesnownews
राजस्थान में अपनी सरकार के दौरान पेपर लीक होने के गंभीर आरोपों का सामना कर चुके पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अब नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में भाजपा नीत एनडीए सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि तमाम सबूतों के बावजूद केंद्र सरकार नीट को रद्द क्यों नहीं कर रही है?
बीच, राजस्थान कांग्रेस ने शुक्रवार को जयपुर में नीट परीक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन किया। गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट में अनियमितताओं को स्वीकार करने के बाद पेपर रद्द कर दिया गया था, लेकिन नीट में पेपर लीक और बेईमानी के सबूत होने के बाद भी परीक्षा रद्द नहीं की जा रही है।"
गहलोत ने कहा, "क्या कारण है कि एनडीए सरकार मेडिकल जैसे संवेदनशील क्षेत्र की परीक्षा में अनियमितताओं के बावजूद उसे रद्द नहीं कर रही है? पेपर लीक के आरोपी छात्रों ने कबूल किया है कि उनके पास एक रात पहले ही पेपर पहुंचा था।"
पूर्व सीएम ने भाजपा पर राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान पेपर लीक के झूठे आरोप लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं है, वहां जब ऐसी शिकायतें आती हैं तो भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए भ्रामक प्रचार करती है। लेकिन यहां सब कुछ साफ दिखाई देने के बावजूद चुप है।" उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने उनकी सरकार पर झूठे आरोप लगाए, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा शासित राज्यों और केंद्र सरकार की सेना न्यायपालिका समेत 50 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं। पेपर लीक करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जो चिंता का विषय है।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान पेपर लीक होना बड़ा चुनावी मुद्दा रहा था और राज्य में पार्टी की हार का एक कारण भी बना था। पेपर लीक की एक दर्जन से अधिक घटनाएं सामने आईं और सरकार ने परीक्षाएं रद्द कर दी थीं।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को जयपुर में नीट परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नीट पेपर लीक मामले में पेपर लीक माफिया की सच्चाई सामने आ गई है। आरोपियों ने खुद ही कबूला है। अब कोई संदेह नहीं रह गया है। सरकार को यूजीसी-नेट की तरह नीट परीक्षा को भी तुरंत रद्द करना चाहिए। लाखों युवाओं के सपनों से समझौता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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