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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अभी लगभग सात महीने का समय है लेकिन सीएम अशोक गहलोत पार्टी और सहयोग करने वाले विधायकों के साथ में वन टू वन कर रहे है और उनकी नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे है। इस दौरान विधायकों से कई सवाल भी पूछे जा रहे है।
लेकिन इस वन टू वन से सचिन पायलट ने दूरी बना रखी है। हाल ही में वो पार्टी के खिलाफ धरना और अनशन कर चर्चाओं में आ गए थे और उन्हें दिल्ली तलब किया गया था। अब पायलट वहा से लौट तो आए है लेकिन अशोक गहलोत, पार्टी प्रभारी रंधावा और पार्टी अध्यक्ष डोटासरा के वन टू वन से दूर है।
कांग्रेस के वन टू वन कार्यक्रम को लेकर शुरूआत के दूसरे दिन ही कई तरह की सुगबुगाहट भी होने लगी हैं। चर्चा है कि ज्यादातर विधायक गहलोत खेमे से पहुंच रहे हैं, यही वजह है कि उनके नाम को प्रोजेक्ट किया जा रहा है। आरोप है कि कार्यक्रम का वक्त भी ऐसा तय किया गया जब सचिन पायलट अपना दौरा बना चुके थे।