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जयपुर। राजस्थान में तीन जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार ने प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर अब बड़ा कदम उठाया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने अब राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में सदस्यों का मनोनयन कर ये बड़ा कदम उठाया है।
राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में में राजस्थान विधानसभा में निर्वाचित अनुसूचित जनजाति के 14 विधायकगण सदस्य बने हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जनजातियों के सर्वांगीण विकास हेतु परिषद् महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परिषद् जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की समीक्षा कर सकेगी तथा नई योजनाओं के लिए परामर्श दे सकेगी।
हो सकेगा सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इससे अनुसूचित जनजातियों एवं अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) का सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि परिषद् द्वारा राज्य की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित ऐसे विषयों पर भी सलाह दी जाती है जो राज्यपाल द्वारा निर्दिष्ट किए जाएं।
राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में इन विधायकों को मिली है जगह
राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायक महेन्द्रपाल मीणा, हंसराज मीणा, राजेन्द्र मीणा, रामबिलास, समाराम, प्रतापलाल भील, फूल सिंह मीणा, अमृत लाल मीणा, महेश मीणा, शंकर लाल डेचा, कैलाश चन्द्र मीणा, हेमन्त मीणा, गोपीचन्द मीणा, ललित मीणा का मनोनयन किया गया है। साथ ही परिषद् में एक गैर सरकारी सदस्य के पद पर पुष्कर तेली का मनोनयन भी किया गया है।
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