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जयपुर। जयपुर शहर के विधायक बालमुकुंदाचार्य ने अब अपनी ही पार्टी की सरकार के सामने एक सवाल उठाया है। उनके इस सवाल का जवाब नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को राज्य विधान सभा में दिया है। शून्यकाल के दौरान विधायक बालमुकुंदाचार्य द्वारा ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए सवाल पर जवाब देते हुए झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जयपुर शहर की विभिन्न सरकारी भूमियों पर अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
एक उच्च स्तरीय कमेटी का होगा गठन
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि इस प्रकरण की जांच के लिए राज्य के मुख्य सतर्कता आयुक्त एवं गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपनी देखरेख में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करेंगे। यह कमेटी अतिक्रमणों का चिह्निकरण करेगी तथा 2 माह में नियम विरुद्ध निर्माण की जांच कर दोषी अधिकारियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटाने के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।
जयसिंहपुरा खोर को लेकर कही ये बात
नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयसिंहपुरा खोर के पटवार सर्किल में लगभग 18 वर्षों से पदस्थापित पटवारी जो विभिन्न गृह निर्माण सहकारी समितियों से मिलीभगत कर पट्टे जारी करवाकर अतिक्रमण करवाता है तथा इसकी रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारी को प्रेषित नहीं करता है, उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर वहां नए पटवारी का पदस्थापन किया जाएगा। भजनलाल सरकार में मंत्री खर्रा ने एक प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 2008 में दिए दिशा-निर्देश अनुसार पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र के निकट निर्माण कार्य की स्वीकृति राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थाई समिति से लेना अनिवार्य है।
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PC: aajtak