- SHARE
-
जयपुर। जल आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें एक सुव्यवस्थित रोडमैप की आवश्यकता है, जिसमें कृषि तथा शहरी जल प्रबंधन और तकनीकी नवाचार जैसे प्रमुख पहलुओं का समावेश हो।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ये बात मंगलवार को उदयपुर में राज्य जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही है। सीएम भजनलाल ने इस दौरान कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में जल राज्यों का एक विषय है, लेकिन प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों से जल राज्यों के बीच समन्वय एवं सहयोग का विषय बन गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में जल आत्मनिर्भरता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने देश के हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के रूप में एक भागीरथी प्रयास किया है। इसका लाभ आज राजस्थान के भी करोड़ों लोगों को मिल रहा है।
3 करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा
इस दौरान सीएम भजनलाल ने कहा कि राम जल सेतु लिंक परियोजना प्रदेश की जीवन रेखा है तथा इसके माध्यम से प्रदेश के 17 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और 3 करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण के लिए कम पानी में उगने वाली फसलों, शहरी जल प्रबंधन, सीवरेज के पानी के शुद्धिकरण एवं पुन: उपयोग के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग, जल गुणवत्ता और स्रोतों की निगरानी के लिए तकनीक का उपयोग सहित विभिन्न कदम उठा रही है।
PC:dipr.rajasthan
अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें