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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होने के बाद अब कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के लिए अच्छी खबर आई है। खबर ये है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने बहुचर्चित एकल पट्टा मामले में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और तीन अन्य अधिकारियों पर लगे आरोपों पर क्लीन चिट दे दी है।
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने उच्चतम न्यायालय में पेश किए गए जवाब में बताया गया है कि दस वर्ष पूर्व के एकल पट्टा मामले में कोई प्रकरण नहीं बनता है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि एकल पट्टा मामले में नियमों की पूरी पालना हुई थी, जिससे सरकार को किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान भी नहीं हुआ है। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार की उठाया गया कदम शांति धारीवाल के लिए राहत भरा है।
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि साल 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम से एकल पट्टा जारी किया गया था। इसेक बाद परिवादी रामशरण सिंह की ओर से साल 2013 में इसकी शिकायत भ्रष्टाचार एसीबी में की थी। इसके बाद कई लोगों की इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी।
2014 एसीबी ने दर्ज हुआ था मामला
इस मामले में साल 2014 एसीबी ने मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से भी एसीबी की ओर से पूछताछ की गई थी। इसके बाद साल 2018 में कांग्रेस सरकार के आते ही एसीबी ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकरामल सैनी को क्लीन चिट दे दी थी। बाद में मामदा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर हुई थी। अब भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करते हुए बताया कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता है।
PC: samacharnama