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इंटरनेट डेस्क। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा सदन की कार्यवाही से पूरे सत्र के लिए निलंबित किए जाने को लकर कांग्रेसी नेताओं ने अपना रोष प्रकट किया है। कांग्रेसी विधायकों ने इस संबंध में विधानसभा में रातभर धरना दिया। इस पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में सोमवार को हुई इस घटना की निंदा की है।
यह राज्य की बीपेजी सरकार की तानाशाही सोच का नतीजा है: अशोक गहलोत
उन्होंने ट्वीट किया कि पहले विधानसभा में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन तथा जबरन निष्कासन फिर मार्शलों द्वारा वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा को जमीन पर गिराना व महिला विधायक अनिता जाटव से बदसलूकी कर उनकी चूडिय़ां तक तोड़ देने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह राज्य की बीजेपी सरकार की तानाशाही सोच का नतीजा है जिसके कारण चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा दुर्वव्यहार किया गया।
भाजपा सरकार सदन की गरिमा खत्म करने पर तुली है: डोटासरा
वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस संबंध में ट्वीट किया कि भाजपा सरकार सदन की गरिमा खत्म करने पर तुली है। विधानसभा में कांग्रेस की महिला विधायक अनीता जाटव एवं हरिमोहन शर्मा समेत अनेक सदस्यों के साथ अभद्रता और दुव्र्यवहार अत्यंत निंदनीय है। सदन की कार्यवाही से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर जी का निलंबन इनकी तानाशाही का नमूना है। सत्ता के घमंड में चूर भाजपा सरकार सदन में जनता के मुद्दों पर जवाब देने की जगह विपक्ष की आवाज को कुचलने का कुप्रयास कर रही है।
PC: patrika
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