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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पीकेसी-ईआरसीपी योजना के समझौते की जानकारी लेने के लिए लगाई गई आरटीआई को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर खारिज किस जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अशोके गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि तो क्या खाली ही है ईआरसीपी का मटका? यह बेहद आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री ने मटकों में पानी उड़ेलकर पीकेसी-ईआरसीपी योजना का शिलान्यास तक कर दिया, परन्तु राजस्थान की भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ इस योजना को लेकर ऐसा क्या समझौता किया है जिसे जनता के सामने सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है? इस समझौते की जानकारी लेने के लिए लगाई गई आरटीआई को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताकर खारिज कर दिया गया।
अभी तक तो पीकेसी-ईआरसीपी के नए समझौते को केवल राजस्थान की जनता के हितों के साथ ही समझौता माना जा रहा था, परन्तु अब यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा सरकार द्वारा बताया गया है। भाजपा सरकार की ऐसी गतिविधियों से स्पष्ट होता जा रहा है कि पीकेसी-ईआरसीपी के समझौते को येन-केन-प्रकरेण छिपाया जा रहा है या इसमें कोई धांधली की जा रही है। मेरा अनुमान है कि यह पानी को लेकर पहला ऐसा समझौता होगा जिसकी जानकारी जनता से छिपायी जा रही है। अगर जानकारी छिपानी ही थी तो प्रधानमंत्री से शिलान्यास करवाकर भ्रम की स्थिति क्यों पैदा की?
ईआरसीपी जनता के पैसे से बनने वाला प्रोजेक्ट है और प्रदेश की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनका पैसा कैसे खर्च किया जा रहा है एवं उन्हें अपने हक का पूरा पानी मिल रहा है या नहीं। राजस्थान हो या कोई अन्य राज्य हो, सभी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण विषय है। भाजपा सरकार को अविलंब पीकेसी-ईआरसीपी समझौता सार्वजनिक करना चाहिए।
PC: rajasthan.ndtv
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