Rajasthan: भजनलाल सरकार का एक और बड़ा कदम, अब ऐसा करना 2500 वर्गमीटर से बड़े भू-खण्डों के लिए हुआ अनिवार्य 

Samachar Jagat | Friday, 09 Aug 2024 08:55:10 AM
Rajasthan: Another big step by Bhajan Lal government, now doing this has become mandatory for plots larger than 2500 square meters

जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से अब एक और बड़ा कदम उठाया गया है। अब सरकार ने प्रदेश में 2500 वर्गमीटर तथा उससे बड़े भू-खण्डों में स्नानागार तथा रसोई के अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण एवं रिसाईकिलिंग की व्यवस्था किए जाने को अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें शोचालय से निकलने वाला जल शामिल नहीं होगा। इस संबंध में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग एवं नगर विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने संयुक्त परिपत्र जारी किया है।

प्रदेश में अब इन्हें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना होगा आवश्यक 
संयुक्त परिपत्र के अनुसार, 10 हजार वर्ग मीटर से अधिक सकल निर्मित क्षेत्र होने पर अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण हेतु सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना आवश्यक होगा। शोचालय में उपयोग में ली जाने वाली वॉटर क्लोजेट में ड्यूल फ्लश बटन वाले सिस्ट्रन ही अनुमत होगा। 

मंत्री कन्हैया लाल ने कही है ये बात
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल मंत्री कन्हैया लाल ने इस संबंध में जानकारी दी है। मंत्री ने इस संबंध मे बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु भवन विनियम 2020 की विनियम 10.11.2 में अपशिष्ट जल शुद्धिकरण एवं रिसाईकिलिंग के आवश्यक प्रावधान किए गए है। मंत्री कन्हैया लाल ने बताया कि अपशिष्ट जल के परिशोधन की प्राथमिक जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है। उपयोगकर्ता द्वारा आवेदन करने पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित शहर स्तरीय समिति एवं पर्यावरण समिति परिशोधित जल के पुन: उपयोग के सम्बन्ध में वास्तविक उपयोगकर्ता की सलाह पर राज्य सीवरेज एवं वेस्ट वॉटर नीति 2016 में निर्धारित दरों पर निर्णय करने का प्रावधान है।

PC: dipr.rajasthan
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