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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावा इस साल के अंत में हो जाएंगे लेकिन गहलोत और पायलट में सुलह हो जाना मुश्किल लग रहा है। दो दिन पूर्व महेश जोशी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा होने के बाद इसके कई मायने निकाले जा रहे है। कई लोग इसे दबी जबान में आलाकमान की कार्रवाई मान रहे है।
तो वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने इसे 25 सिंतबर की घटना से जोड़कर बताया है। ऐसे में अगर ये इस्तीफा इस कारण हुआ है तो एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति में उबाल ला सकता है। इसका कारण यह है की खुद महेश जोशी भी यह कह चुके है की पार्टी को कमजोर करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
अब इस मामले में गहलोत गुट और पायलट गुट अगर आमने सामने होता है तो यह तो तय है की दोनों और से ही बयानों की राजनीति शुरू हो सकती है। साथ ही अगर ये कारवाई 25 सितंबर से जोड़कर देखी जाती है तो फिर गहलोत गुट के कुछ और नेताओं पर भी कार्रवाई होना तय है।