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जयपुर : राजस्थान के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने मंगलवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि चित्तौडगढè जिले के प्राचीन लक्ष्मीनाथ मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। जाट ने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि तहसीलदार को नियमानुसार रिपोर्ट पेश करने के लिए 20 दिन के समय दिया गया है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस संबंध में तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की शिकायत गत वर्ष मार्च में प्राप्त हुई है। इससे पहले पुजारी, पार्षद, पटवारी अथवा अन्य किसी के द्बारा अतिक्रमण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने की वजह से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि यह अतिक्रमण काफी वर्षों पुराना है। अतिक्रमण की शिकायत आते ही तत्काल कार्रवाई कर देवस्थान विभाग को लिखा गया तथा एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर की अध्क्षता में गठित पब्लिक लैण्ड प्रोटेक्शन सैल में भी मामले को दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले उन्होंने विधायक चन्द्रभान सिह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि चित्तौडगढ शहर में स्थित प्राचीन श्री लक्ष्मीनाथ मन्दिर की भूमि पर 11 व्यक्तियों द्बारा आवासीय मकान बनाकर अतिक्रमण करने की शिकायत मार्च 2022 में प्राप्त हुई है। जिनके विरूद्ध पटवारी द्बारा भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 91 के तहत 0.22 हैक्टेयर भूमि पर आवासीय मकान बनाकर अतिक्रमण करने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जिनकी कार्यवाही विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि उक्त मकान 20-25 वर्ष पूर्व बना होना पाया है तथा 4.19 हैक्टेयर भूमि पर समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्बारा फसल काश्त कर अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने रिपोर्ट की प्रति सदन के पटल पर रखी। जाट ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड अनुसार काश्तकारी अधिनियम के समय से ही मंदिर के नाम पर 11.58 हैक्टेयर भूमि दर्ज रिकॉर्ड है। वर्तमान में 0.22 हैक्टेयर भूमि पर आवासीय मकान बनाकर अतिक्रमण है तथा 4.19 हैक्टेयर भूमि पर समुदाय विशेष के व्यक्तियों द्बारा फसल काश्त कर अतिक्रमण कर रखा है। तथा शेष 7.17 हैक्टेयर भूमि शेष बची है। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण वर्तमान में न्यायालय तहसीलदार चित्तौडगढ में विचाराधीन है। जिसमें न्यायालय के निर्णय पश्चात नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी ।