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महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज में ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग तेज हो गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यह प्रस्ताव धर्म संसद में रखा जाएगा और फिर केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। धर्म संसद का आयोजन 26 जनवरी 2025 को संगम तट पर होगा, जिसमें सभी चार पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख संत शामिल होंगे।
सनातन धर्म को संरक्षित करने की पहल
अखाड़ा परिषद का कहना है कि यह बोर्ड सनातन धर्म के सिद्धांतों को संरक्षित करने के साथ-साथ समाज में अनुशासन और संरचना स्थापित करने का काम करेगा। मान्यता प्राप्त होने पर यह बोर्ड धार्मिक मुद्दों का समाधान करेगा और सनातन धर्म की अखंडता को बढ़ावा देगा।
महाकुंभ 2025: योगी सरकार की भव्य तैयारी
महाकुंभ 2025 के आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और अखाड़ा परिषद मिलकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इसे 2019 के कुंभ से भी अधिक भव्य और दिव्य बनाने का लक्ष्य है।
- अस्थायी जिला: महाकुंभ मेला नामक एक विशेष अस्थायी जिला बनाया गया है, जिसमें 67 गांव शामिल हैं।
- प्रसाद वितरण: एक बार में 5,000 श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है।
- कानून व्यवस्था: अस्थायी पुलिस थाने और चौकियां स्थापित की जाएंगी।
धर्म संसद का महत्व
धर्म संसद का उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों को संरक्षित और व्यवस्थित करना है। यह आयोजन महाकुंभ के दौरान एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिससे सनातन धर्म के संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।