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महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले ‘सनातन बोर्ड’ की मांग तेज हो गई है। अखाड़ा परिषद इसे धर्म संसद में प्रस्तावित कर केंद्र सरकार तक पहुंचाने की योजना बना रही है। योगी सरकार ने आयोजन को सुव्यवस्थित करने के लिए महाकुंभ मेला नामक अस्थायी जिला भी बनाया है। यह कुंभ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सनातन धर्म के संरक्षण में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यह प्रस्ताव आगामी धर्म संसद में रखा जाएगा। यह विशेष आयोजन 26 जनवरी को प्रयागराज में संगम पर होगा, जिसमें देशभर के प्रमुख साधु-संत और ऋषि भाग लेंगे।
Prayagraj Mahakumbh में धर्म संसद का महत्व
महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। अखाड़ा परिषद का मानना है कि धर्म संसद का उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों का संरक्षण और उनके अनुशासित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। सनातन बोर्ड के गठन से धर्म से जुड़े मुद्दों का समाधान निकलेगा और सामाजिक संरचना को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस बोर्ड में सभी चार पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल होंगे।
महंत रवींद्र पुरी ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। सरकार से मान्यता मिलने के बाद यह बोर्ड सनातन धर्म की अखंडता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार और अखाड़ा परिषद मिलकर महाकुंभ 2025 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार के महाकुंभ का आयोजन दिव्य रूप में किया जाएगा। महंत रवींद्र पुरी ने 2019 के कुंभ का ज़िक्र करते हुए कहा कि 2025 का महाकुंभ उससे भी अधिक भव्य होगा।
तीन साल पहले शुरू हुई तैयारियों में प्रशासन ने हर पहलू पर खाका तैयार किया है। प्रसाद वितरण, पुलिस व्यवस्था, और श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाओं की योजना बनाई गई है। 5,000 श्रद्धालुओं को एक बार में प्रसाद परोसने की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, महाकुंभ मेला नामक अस्थायी जिला बनाया गया है, जिसमें 67 गांव शामिल किए गए हैं।
योगी सरकार की खास पहल
महाकुंभ के आयोजन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए योगी सरकार ने एक विशेष अस्थायी जिला तैयार किया है। इसमें चार तहसील क्षेत्रों के 67 गांव शामिल किए गए हैं। इस अस्थायी जिले में प्रशासनिक कार्य सामान्य जिलों की तरह ही होगा। कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अस्थायी पुलिस थाने और चौकियां बनाई जाएंगी।
सरकार का उद्देश्य है कि इस आयोजन में श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधाएं दी जाएं और महाकुंभ 2025 को एक ऐतिहासिक सफलता बनाया जाए।