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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार ने तीन करोड़ नए परिवारों को घर देने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना में पात्रता के नियमों को अधिक लचीला बनाया गया है। अब, जिन परिवारों के पास पांच एकड़ तक असिंचित भूमि है, वे भी योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं। पहले यह सीमा ढाई एकड़ तक सिंचित भूमि तक सीमित थी। इस बदलाव से गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों को नया घर पाने का मौका मिलेगा।
मासिक आय सीमा में बदलाव:
PMAY के तहत अब मासिक आय की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। यह निर्णय अधिक लोगों को योजना के दायरे में लाने के लिए किया गया है। पात्रों की पहचान सर्वे के माध्यम से की जाएगी और चयन के तीन महीने के भीतर घर सौंप दिया जाएगा।
शर्तों में बदलाव:
इस योजना के तहत पात्रता शर्तों को 13 से घटाकर 10 कर दिया गया है। दोपहिया वाहन, रेफ्रीजिरेटर, मछली पकड़ने वाली नाव, और लैंडलाइन फोन जैसी शर्तों को हटा दिया गया है। अब घर का न्यूनतम आकार 25 वर्गमीटर होगा, जिसमें स्वच्छ रसोई शामिल होगी।
लाभार्थियों को दी जाने वाली सुविधाएं:
योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए मनरेगा के माध्यम से 90-95 दिनों की मजदूरी दी जाती है। साथ ही शौचालय, रसोई गैस, बिजली कनेक्शन और सोलर रूफटॉप जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
फंड जारी और राज्यों की भागीदारी:
सरकार ने 18 राज्यों को 38 लाख घरों के निर्माण के लिए 10,668 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे राज्यांश समय पर जारी करें और फंड का उपभोग करें ताकि केंद्रांश की अगली किश्त प्राप्त हो सके।