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चित्रकूट : उत्तर प्रदेश के पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में सोमवार को सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर तड़के से ही श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर कामदगिरि की परिक्रमा शुरू कर दी है। जिला प्रशासन के अनुमान के मुताबिक मंदाकिनी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख से अधिक हो सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रभु श्री राम की तपोस्थली के रूप में विख्यात चित्रकूट में तुलसीदास जी को प्रभु श्री राम लक्ष्मण के दर्शन अमावस्या के दिन ही रामघाट में हुए थे और तब से अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं का रामघाट में मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाना और कामदगिरि की परिक्रमा लगाने की परंपरा बनी हुई है।
मान्यता है कि प्रत्येक अमावस्या को मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाने और कामदगिरि की परिक्रमा लगाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कामदगिरि मुख्य द्बार के महंत रामस्वरूपाचार्य ने आज के दिन की महत्ता का गुणगान करते हुए बताया कि चित्रकूट सब दिन बसत प्रभु सिय लखन समेत। राम नाम जप जाप कहीं तुलसी अभिमत देत। प्रभु श्री राम भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के सहित चित्रकूट में लगातार विहार करते हैं और यहां आने वालों की कामना की पूर्ति करते हैं। आज दंडवती (लेट लेट कर) परिक्रमा लगाने वालों श्रद्धालुओं की भारी संख्या रही 50 हज़ार से अधिक रही जिसमें पुरुष महिला और बच्चे भी शामिल थे। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में की सीमा में पड़ेने वाले चित्रकूट में सुरक्षा के व्यापक इंतजामात रहे। डॉग स्क्वायड बम निरोधी दल सहित भारी मात्रा में महिला एवं पुरुष पुलिस बल मौजूद रहा।