- SHARE
-
जयपुर। मुर्दा घर में लाशें ही तो रहेंगी। जिंदगी से हारी बेचारी....! मगर उस शव के लिए कहने को बहुत कुछ था। पुलिस माथा मारी कर रही थी। फिर मां का विलाप देखा नहीं गया। मुर्दा घर का स्टाफ सवाल उठने लगा। रटी रटाई बात। यही की बाहर चलो भाई। आपकी मौजूदगी से हमारी व्यवस्था प्रभावित होती है। कानून का उल्लंघन होता है। बात सही भी थी। लीगल केस में सावधानी बहुत बरतनी होती है।
लाश की बात से जरा हट कर,पुलिस की मृत मुआयना रिपोर्ट में अन कहे,बहुत कुछ जानकारी कही गई है। लाश की पोजीसन। किस दिशा में उसका सिर है। बच्ची का शव किसी श्रमिक परिवार का है। सिर की चोटी खुली हुई है। बखरे बाल बताते है,उन्हे नोचा गया है। कई सारे बाल उखड़े दिख रहे है। ठीक उसी तरह,मानो उसे चुटिया पकड़ कर घसीटा गया है। पुलिस का आईओ बताता है की बच्ची के प्राईवेट अंग के भीतर का मांस फटा हुआ है। ब्लड की हालत यह है की मौत के बाद भी इसका बहना रुका नहीं है। तीन साल की इस बच्ची के साथ ज्यादती मौत के बाद भी की गई है। शव के दोनों हाथों पर रगड़ने के घाव है। चहरे के हॉट फटे हुए है।
ऊपर के होठ को प्रेशर के साथ चीरा गया है।गाल पर काटे जाने के नुकीले दांतों के।गहरे घाव है। पुलिस के रिकार्ड में और भी जानकारी लिखी है। खासकर धाराएं। संगीन अपराध की संज्ञा दी गई है। याने अपहरण,हत्या और भी काफी कुछ लिखा गया है। पैन से अनेक शब्द अंडर लाइन है। अधिकारी जी का मूड खराब है। कुछ जानकारी और लेनी चाहिए थी। मगर उनके चेहरे की शेप अजीब सी हो गई है। फिर कैसे ही कुछ ऐसा है। हर बात की बारीकी से जांच की गई है। जरा भी चूक हुई नहीं की जज साहब की डांट।पसीना पसीना ला देती है। कई बार तो सर्विस बुक में रेड मार्क लग जाता है। लाइफ खराब हो जाती है।बच्ची ठिगने कद की है।
शव के निकट ही उसकी, हल्के हरे रंग की। चमकीले रंग की फ्राक चमक दार कपड़े में। कत्थई रंग की बेल्ट। कहते है की मासूम के हाथों में प्लास्टिक की चूड़ियां दिखाई देती थी,मगर दोनो हाथ सूने है। चूड़ी के टूटने पर , हथेली से जरा ऊपर खुरचने के घाव है। पुलिस के मौका मुआना के बाद, मुर्दा घर के खपती स्टाफ की आवाज सुनाई देती है....! छोरी के साथ कौन है। आओ भाई। ऑपरेशन टेबल पर शव को रखा जाना है। यह काम हमारा नहीं है। पुलिस करे या फिर परिवार वाले। कोई भी करे। यहां तो हर बात पर टाइम लग रहा है। स्टाफ से कोई दो कदम दूर थानेदार जी खड़े है। चहरे में कसावट है। यही की एक डांट और लगी तो.... बस आगे कहने की जरूरत नही है। मुर्दा घर में धौंस पट्टी किसी की नही चलती है।
Pc:DNA India