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चकरोही (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 'तीन स्तरीय बाड़' और 'शून्य रेखा' के बीच स्थित 'बफर जोन' में 50 एकड़ भूमि पर बोई गई गेहूं की 13 किस्मों की फसल की कटाई का काम जोरों पर है।
यहां, दो साल पहले 2021 में दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति के बाद फसल बोई गई थी, लेकिन पिछले साल तक यह पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण खेती नहीं हो सकी।खेत प्रबंधक डॉ. राकेश खंजुरिया ने 'पीटीआई-भाषा’ को बताया, ’’पहली बार इन खेतों में गेहूं की फसल उगाई गई। कटाई का काम जोरों पर चल रहा है।’’उन्होंने बताया कि लगभग 70 प्रतिशत कृषि भूमि पर फसल की कटाई हो चुकी है।
जम्मू से लगभग 40 किलोमीटर दूर चकरोही-जोराफार्म पट्टी में सीमा बाड़ के दोनों ओर करीब 1,000 एकड़ भूमि पर कृषि विभाग का बीज फार्म फैला हुआ है।उन्होंने बताया कि यह केंद्रशासित प्रदेश के सबसे बड़े बीज फार्मों में से एक है और यहां गेहूं, बासमती, तेल, चारा और सब्जियों के सबसे अच्छे बीज पैदा किये जाते हैं।
खंजुरिया ने कहा, ’’25 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि शून्य रेखा तक की बाड़ के आगे खाली पड़ी उपजाऊ भूमि पर खेती की गई है और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के कारण अच्छी फसल हुई है।’’उन्होंने बताया कि कृषि विभाग और सीमा सुरक्षा बल खेती की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।
Pc:Amarujala