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जयपुर। भारत के शिक्षा और तकनीकी विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक क्षण जुडऩे वाला है। निम्स विश्वविद्यालय में डेडिकेटेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स एवं साइबरनेटिक्स का संस्थान का 1 अप्रैल 2025 को भव्य उद्घाटन किया जाएगा। यह संस्थान राइजिंग राजस्थान पहल के तहत राजस्थान सरकार और निम्स विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू का एक हिस्सा है।
इस उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, उद्योग जगत के दिग्गज, अधिकारी और शिक्षाविद् सम्मिलित होंगे। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य राजस्थान को डिजिटल नवाचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का केन्द्र बनाना है। यह संस्थान राजस्थान में पहली बार अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना कर रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से एन-वीडिया की कंप्यूटिंग एवं एआई चिप लैब, कूका (जर्मनी) की रोबोटिक्स लैब, सीमेंस जर्मनी की ऑटोमेशनलैब, कैप्टिक्स, कनाडा की ड्रोन टेक्नोलॉजी लैब के साथ-साथ 15 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, जिनमें 500 से अधिक हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटर होंगे।
यह एकमात्र संस्थान होगा जिसमें सीमेंस हेल्थिनीयर जर्मनी, डेलकंप्यूटर्स, माइक्रोसॉफ्ट, सेप, एचपी, इंटेल एवं अमेज़ोन के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस होंगे। यह संस्थान केवल राजस्थान के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एआई रोबोटिक्स और साइबर सिक्योरिटी का केंद्र बनने जा रहा है।
इसके साथ ही निम्स विश्वविद्यालय, राजस्थान 1-3 अप्रैल, 2025 को निम्स ए आई कॉन2025 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कांफ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है। यह सम्मेलन चेक इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेटिक्स, रोबोटिक्स, एंड साइबरनेटिक्स (CIIRC), चेक टेक्निकल यूनिवर्सिटी, प्राग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य AI के माध्यम से उद्योगों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के भविष्य को नया रूप देना है।
इस सम्मेलन का मुख्य विषय है "भारत के भविष्य को AI आधारित नवाचार के माध्यम से रूपांतरित करना",जो देश में AI के विकास को नई दिशा देने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करेगा। यह मंच उद्योगों में AI के बढ़ते उपयोग, स्वास्थ्य देखभाल में इसके जीवन रक्षक पहलुओं और समाज के लिए इसके लाभकारी समाधान पर गहन चर्चा का अवसर प्रदान करेगा।
भारत अब ए.आई. अनुसंधान और विकास में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह एक ऐतिहासिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सम्मेलन होगा, जिसमें विश्व भरसे 50 से अधिक सम्मानित AI विशेषज्ञ, इनोवेशन लीडर्स, शोधकर्ता और AI प्रोफेशनल्स एक मंच पर एकत्रित होंगे। यह सम्मेलन अपने आप में पहला बड़ा बदलाव है, जिसमें दुनिया भर के विशेषज्ञ मिलकर ए.आई. की शक्ति और इसके भविष्य पर विचार करेंगे, जो भारत और वैश्विक स्तर पर बदलाव की दिशा निर्धारित करेगा।
सम्मेलन का विषय"भारत के भविष्य को AI आधारित नवाचार के माध्यम से रूपांतरित करना"यह दर्शाता है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विकास को नई दिशा दी जा सकती है। AI को उद्योगों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लागू करके, इसका उद्देश्य न केवल नवाचार को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थिर और सस्टेनेबल डेवलपमेंट उत्पन्न करना और समाजिक चुनौतियों का समाधान करना भी है। यह सम्मेलन इस महत्वपूर्ण पहलू को उजागर करता है कि AI भारत के आर्थिक परिदृश्य को नया रूप दे सकता है, जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और साथ ही नए अवसरों के साथ भारतीय समाज को और अधिक समृद्ध बना सकता है।
सम्मेलन में तीन प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। पहले विषय मेंऔद्योगिक AIपर फोकस किया जाएगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि कैसे AI मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को अनुकूलित कर रहा है और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदलने में महत्वपूर्ण कैसे भूमिका निभा रहा है। दूसरा विषयAI के चिकित्सा/जैव चिकित्सा अनुप्रयोगपर आधारित होगा, जिसमें AI की जीवन-रक्षक क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा, जैसे बेहतर और सफल इलाज प्रदान करना और इलाज को सभी के लिए सस्ता और सुलभ बनाना।
तीसरे विषय मेंउभरते AI रुझान पर चर्चा की जाएगी, जिसमें मानव आधारित रोबोटिक्स और डीप लर्निंग जैसे नवीनतम AI विकास और उनके कामकाजी भविष्य पर विस्तृत विचार किया जाएगा। इसके अलावा, सम्मेलन में प्रमुख रूप से तीन मुख्य सत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। :मानव आधारित रोबोटिक्स, जिसमें AI और रोबोटिक्स के बीच संबंधों पर चर्चा की जाएगी, डीप लर्निंग – क्यों और कितना दूरदर्शी, जिसमें बड़े डेटा सेट्स के साथ काम करने की क्षमता और अनस्ट्रक्चर्ड डेटा को समझने के तरीके पर बात होगी, औरस्वास्थ्य देखभाल में AI, जिसमें चिकित्सा उपचारों में AI की क्रांति और वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा।
भविष्य के लिए दृष्टिकोण
प्रो. (डॉ.) बलवीर सिंह तोमर, अंतर्राष्ट्रीय चेयरमैन, NIMS विश्वविद्यालय राजस्थान ने सम्मेलन के बारे में अपने उत्साह का व्यक्त करते हुए कहा, "जैसे-जैसे हम AI को जीवन के हर पहलू में एकीकृत करते जा रहे हैं, यह जरूरी है कि हम इसका इस्तेमाल सुनियोजित तरीके से करें। यह एक ऐसा मंच है जहां नवाचार, नेतृत्व और शोध मिलकर दुनिया की मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी समाधान उत्पन्न करेंगे। AI का भविष्य अनंत है, और यह सम्मेलन AI-प्रेरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो सभी के लाभ के लिए होगा।"