पेंशनर्स के लिए जरूरी अपडेट: DoPPW ने जारी किए 6 पेंशन से जुड़े केस स्टडी, जानें पूरी जानकारी

Trainee | Monday, 02 Dec 2024 11:57:46 AM
Important update for pensioners: DoPPW released 6 pension related case studies, know full details

एक सरकारी अधिकारी पर सेवानिवृत्ति के बाद भ्रष्टाचार के आरोप लगे। न्यायिक कार्रवाई लंबित थी। सवाल था कि पेंशन और ग्रेच्युटी का क्या किया जाए।

समाधान:

  • CCS Pension Rules, 2021 के अनुसार, न्यायिक या विभागीय कार्रवाई के दौरान अस्थायी पेंशन दी जा सकती है।
  • अंतिम निर्णय तक ग्रेच्युटी रोक दी जाती है।
  • DoPPW निर्देश:
  • न्यायिक प्रक्रिया के खत्म होने तक भुगतान रोका जाए।
  • दोष सिद्ध न होने पर सभी बकाया भुगतान तत्काल किया जाए।
  1. “No Work, No Pay” और पेंशन वसूली का मुद्दा

मामला:

एक अदालत ने सेवा अवधि के बाहर दिए गए पेंशन भुगतान को "नो वर्क, नो पे" के आधार पर वापस लेने का आदेश दिया।

समाधान:

  • पेंशन और ग्रेच्युटी केवल सेवा अवधि के लिए पात्र हैं।
  • DoPPW निर्देश:
  • वसूली प्रक्रिया पारदर्शी हो और किस्तों में हो।
  1. पुरानी सेवा का समावेश और पेंशन अधिकार

मामला:

एक कर्मचारी ने अपनी पुरानी सेवा को केंद्र सरकार में समावेश के लिए आवेदन किया।

समाधान:

  • 01.01.2004 से पहले सेवा शुरू होने पर ही पुरानी सेवा जोड़ी जा सकती है।
  • नई पेंशन योजना (NPS) में शामिल होने पर यह लाभ नहीं मिलेगा।
  • DoPPW निर्देश:
  • शर्तें पूरी न होने पर NPS के तहत ही लाभ मिलेगा।
  1. पारिवारिक पेंशन के पात्रता विवाद

मामला:

  • मृतक कर्मचारी की बहन ने पेंशन के लिए आवेदन किया।
  • तलाकशुदा बेटी ने पेंशन का दावा किया लेकिन तलाक प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया।
  • समाधान:
  • परिवार पेंशन सेवा रिकॉर्ड में नामांकित सदस्यों को ही दी जाएगी।
  • वैकल्पिक दस्तावेज स्वीकार किए जा सकते हैं।
  • DoPPW निर्देश:
  • वैध दावेदारों को लाभ मिले और फर्जी दावों पर रोक लगे।
  1. विलंबित ग्रेच्युटी और पेंशन भुगतान पर ब्याज

मामला:

एक कर्मचारी के सेवानिवृत्ति लाभ में 3 साल की देरी हुई।

समाधान:

  • CCS Pension Rules, 2021 के अनुसार, 6 महीने से अधिक की देरी पर GPF ब्याज दर से ब्याज दिया जाएगा।
  • DoPPW निर्देश:
  • लापरवाही के लिए अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
  1. तलाकशुदा बेटियों के पारिवारिक पेंशन के दावे

मामला:

तलाक प्रक्रिया माता-पिता के जीवनकाल में शुरू हुई थी, लेकिन प्रमाण प्रस्तुत करना मुश्किल था।

समाधान:

  • तलाकशुदा बेटी आर्थिक निर्भरता के आधार पर पात्र मानी जाएगी।
  • वैकल्पिक प्रमाण स्वीकार किए जाएंगे।



 


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