- SHARE
-
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गाड़ियों पर कलर कोडेड स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया है। ये स्टिकर गाड़ी के ईंधन के प्रकार की पहचान करेगा और नियम का पालन न करने पर गाड़ी मालिकों को ₹10,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके।
क्रोमियम-आधारित होलोग्राम स्टिकर की अनिवार्यता
यह नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन के तहत लागू किया गया है। स्टिकर में गाड़ी की ईंधन श्रेणी और प्रदूषण प्रमाण से संबंधित जानकारी दर्ज होगी। इससे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान और निगरानी में आसानी होगी।
किन गाड़ियों पर यह नियम लागू होगा?
- नई गाड़ियां: 1 अप्रैल 2019 के बाद पंजीकृत सभी गाड़ियों पर।
- पुरानी गाड़ियां: 31 मार्च 2019 से पहले पंजीकृत सभी गाड़ियों पर।
हर वाहन मालिक को अपनी गाड़ी की विंडस्क्रीन पर यह स्टिकर लगाना अनिवार्य होगा।
स्टिकर की जानकारी में शामिल होंगे:
- गाड़ी का पंजीकरण नंबर।
- इंजन और चेचिस नंबर।
- लेजर-ब्रांडेड पिन।
स्टिकर कैसे प्राप्त करें?
- वाहन मालिक SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर स्टिकर ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
- यह स्टिकर आपके घर पर डिलीवर किया जाएगा।
- स्टिकर वाहन डीलर से भी प्राप्त किया जा सकता है।
₹10,000 तक का जुर्माना
नियम का उल्लंघन करने पर गाड़ी मालिकों को ₹5,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने यह नियम हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और ईंधन की पहचान सुनिश्चित करने के लिए लागू किया है। यह कदम पर्यावरण सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।