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इंटरनेट डेस्क। लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने अब सीएम भजनलाल सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत को निशाने पर लिया है। हनुमान बेनीवाल ने अब मुख्य सचिव सुधांश पंत पर प्रदेश में समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया है।
हनुमान बेनीवाल ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया कि राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश में समानांतर सरकार चलाना लोकतांत्रिक व्यवस्था का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। आचार संहिता प्रभावी होने के बावजूद मुख्य सचिव के स्तर से ऐसे कई नीतिगत निर्णय लिए जा रहे है जिनकी अनुमति निर्वाचन विभाग से नहीं ली जा रही है। बाड़मेर और जोधपुर लोक सभा क्षेत्र में मतदान से पहले मुख्य सचिव का दौरा आचार संहिता का उलंघन है जो इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण था की राजस्थान के मुख्य सचिव को भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन की कोई परवाह नहीं है।
राज्य सरकार अपनी विफलता और अकर्मण्यता को छुपाने के लिए मुख्य सचिव को आगे कर बैठी और इसका फायदा उठाकर मुख्य सचिव खुद के प्रोटोकॉल को चुनाव आयोग के नियमों और मुख्यमंत्री से ऊपर मानकर बैठ गए जबकि तय नियमों के अनुसार एक विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से बड़ा होता है। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री अपने कक्ष में जनता के कार्यों के लिए मुख्य सचिव को तलब कर सकते है, लेकिन राजस्थान में कैबिनेट मंत्री खुद मुख्य सचिव से मिलने के लिए सीएस के चैंबर के बाहर धक्के खा रहे है और मुख्य सचिव से मिलने का समय मांग रहे है।
राजस्थान के मुख्य सचिव उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर (एसओएम) उन पर खुद के द्वारा तय किए गए निर्णय थोपते है। मैं समझता हूं इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नही हो सकता है। मेरी भारत निर्वाचन आयोग से अपील है की राजस्थान में मुख्यमंत्री स्तर से लेकर सरकार के मंत्रियों और मुख्य सचिव के द्वारा आचार संहिता प्रभावी होने के बाद लिए गए और थोपे गए ऐसे निर्णयों / आदेशों की समीक्षा करें, जो आचार संहिता की उल्लंघन की श्रेणी में आता है, क्योंकि राजस्थान का निर्वाचन विभाग तो राजस्थान के मुख्य सचिव के सामने असहाय नजर आ रहा है।
PC: abplive
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