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केंद्र सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से 8 बड़ी हाईवे परियोजनाओं को मंजूरी देने की तैयारी की है। इन परियोजनाओं से यूपी, एमपी, असम, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को सीधा फायदा होगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित इन प्रोजेक्ट्स से आर्थिक विकास को गति मिलने और कनेक्टिविटी में सुधार की उम्मीद है।
प्रमुख परियोजनाएं और उनके लाभ
- अयोध्या बायपास (68 किमी)
अयोध्या के आसपास यातायात को सुव्यवस्थित करेगा।
- गुवाहाटी रिंग रोड (121 किमी)
असम की राजधानी में ट्रैफिक जाम को कम करेगा।
- खड़गपुर-सिलगुड़ी एक्सप्रेसवे (516 किमी)
पश्चिम बंगाल को पड़ोसी राज्यों से जोड़ेगा।
- आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड हाईवे (88 किमी)
यूपी और एमपी के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेगा।
- नासिक-खेड एलीवेटेड हाईवे (30 किमी)
महाराष्ट्र में 8 लेन का हाईवे बनेगा, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगा।
भूमि अधिग्रहण और निर्माण की तैयारी
सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज और सरल करने के लिए खास कदम उठाए हैं। दिसंबर तक इन परियोजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है। मुआवजा प्राप्त करने वालों को करोड़ों रुपये दिए जाएंगे।
PPP मॉडल से बढ़ेगा निवेश
ये प्रोजेक्ट्स PPP मॉडल पर आधारित हैं, जिससे सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा। प्रत्येक प्रोजेक्ट की लागत 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।
आर्थिक और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा
इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और संबंधित राज्यों में आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी। साथ ही, बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए व्यापार और उद्योगों को लाभ होगा।