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किसानों ने अपनी मांगों के लिए एक बार फिर दिल्ली का रुख किया है। उनकी प्रमुख मांगें अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा, विकसित जमीन का 10% हिस्सा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कृषि कर्ज माफी, और भूमि अधिकारों पर स्पष्ट नीति हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली कूच
किसान ग्रेटर नोएडा से महामाया फ्लाईओवर के रास्ते दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। रविवार को प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत असफल रही, जिसके बाद किसानों ने संसद घेराव का ऐलान किया। उनका कहना है कि अथॉरिटीज़ द्वारा उनकी आवाज़ को बार-बार नजरअंदाज किया गया है।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर 5000 सुरक्षाकर्मी, जिनमें 1000 PAC के जवान शामिल हैं, तैनात किए गए हैं। वाटर कैनन, आंसू गैस और वज्र वाहन जैसी तैयारियां की गई हैं। पुलिस का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
किसानों की नाराजगी और संघर्ष
किसानों का कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है। बार-बार ज्ञापन देने और धरना प्रदर्शन करने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह आंदोलन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है।