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जयपुर। खूबसूरती के मामले में जयपुर हमेशा इक्कीस रहा है। यहां के ऐतिहासिक स्थल,शिल्प कला और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य। मगर इसके साथ ही यदि खरीद दारी भी जोड़ दी जाय,फिर क्या कहने। बात यहां नाइट मार्केट की चल रही है। आज शनिवार का दिन और फिर संडे........। गद गद हो जायेंगे। शाम को सात बजे से रात ग्यारह बजे तक।राजस्थानी कल्चर का लुफ्त उठाया जा सकता है।
जयपुर के इस मार्केट का मकसद लोगों को नाइट लाइफ से रूबरू करवाना होता है। जयपुर में जल महल की पाल पर। कितना खूबसूरत नजारा। दिल करता है,यही गुजारी जाय रात। जी हां। इसका खासा मसाला यहां मिल सकता है
यह मार्केट जयपुर आमेर रोड पर,जोरावर सिंह गेट के भीतर से गुजरिए। कुछ कदम दूर,जल महल का एरिया शुरू हो जाता है। खास कर पूर्णिमा की रात में। झील के गहरे नीले पानी की सतह पर तरह तरह की छवियां। मन मोह लेगी। कमाल का सौंदर्य .....।
यहां बाजार में प्रवेश करने के लिए मामूली सी एंट्री फीस है। पर्यटकों को फूड कूपन दिया जाता है। जिसका इस्तमाल यहां नाइट बाजार में में लगे किसी भी फूड स्टॉल से भोज्य सामग्री खरीदी जा सकती है।
इस मार्केट की खासियत है कि यहां पंजाबी,सिंधी और साउथ इंडियन खाने के स्वाद का आनंद लिया जा सकता है। राजस्थानी लोक नृत्य, कठपुतलियों का खेल,लोकगीत,ढोल नगाड़े,कालबेलिया नृत्य,भवाई नृत्य, चारी नृत्य और साथ में पंजाबी धोले के मजे ही मजे।
जल महल के इस नाइट बाजार में फ्रूट्स के चालीस स्टाल्स, हैंडी क्राफ्ट और अन्य एक्सक्लूसिव आइटम की खरीद दारी का मजा ही कुछ और है। जयपुरी रजईया, सांगानेरी प्रिंट की चादरें,हस्त शिल्प, ट्रेडिसनल ज्वेलरी,मिट्टी और तांबे के बर्तन, नीली मिट्टी के बर्तन,जयपुरी जूतियां और बंधेज सदियां।
नाइट बाजार की खूबियां और बढ़ती लोकप्रियता के चलते अनेक समाज कंटक और लपके भी सक्रिय है। ठगी के केसेज काफी बढ़े है । खास कर विदेशी पर्यटक इनके शिकार हो गए है। एक बात और,लोगों के बीच अफवाह भी फैलाई जा रही है। यानी वहां बिकने वाले आइटम मंहगे है। क्वालीय की गारंटी नहीं है। मगर इसमें सच कुछ भी नहीं है। बस सतर्क रहने की जरूरत है।