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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सिविल लाइंस इलाके की एक छोटी सी मोमोज दुकान ने महज दस महीनों में करीब ₹1.5 करोड़ का कारोबार कर लिया। लेकिन, GST पंजीकरण न होने के कारण SGST विभाग ने दुकान पर छापेमारी की और ₹5 लाख का जुर्माना लगाया। यह मामला टैक्स चोरी और SGST अधिकारियों की सक्रियता का बड़ा उदाहरण बन गया।
छापेमारी और खुलासा
18 नवंबर को SGST विभाग की एक टीम ने जोनल कमिश्नर मुक्तिनाथ वर्मा के निर्देश पर इस दुकान पर छापा मारा। जांच के दौरान पता चला कि दुकान बिना GST पंजीकरण के काम कर रही थी, जबकि इसका सालाना टर्नओवर ₹20 लाख से ज्यादा था। GST कानून के तहत, ऐसा करना गैरकानूनी है।
टैक्स चोरी पर कार्रवाई
SGST विभाग ने दुकान पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया और संकेत दिए कि आगे जांच में नए तथ्य सामने आने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस तरह की टैक्स चोरी से सरकार को राजस्व का नुकसान होता है और ईमानदार व्यवसायों को अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
GST पंजीकरण क्यों जरूरी है?
- पंजीकरण का नियम: सालाना टर्नओवर ₹20 लाख (कुछ राज्यों में ₹10 लाख) से अधिक होने पर GST पंजीकरण अनिवार्य है।
- कर भुगतान: पंजीकृत व्यवसायों को समय पर टैक्स रिटर्न और GST का भुगतान करना होता है।
- उल्लंघन के परिणाम: पंजीकरण न कराने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
मोमोज दुकान पर SGST की सख्ती
SGST अधिकारियों की इस कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा दी। यह मामला एक तरफ व्यवसायियों को कर कानूनों का पालन करने की याद दिलाता है और दूसरी तरफ SGST विभाग की सतर्कता को दर्शाता है।
DISCLAMER: इस न्यूज़ को इस https://pmsmahavidyalayaadmission.in/momos-shop-earnings-rs-1-5-crore-in-10-months-raid-gst-officer/ वेबसाइट से लेके एडिट किया गया है।