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pc: indiatv
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई पत्नी अपने पति को हिजड़ाकहती है तो यह मानसिक क्रूरता है।
जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की खंडपीठ ने 12 जुलाई को एक फैमिली कोर्ट में तलाक का फैसला पति के पक्ष में दिया और पत्नी की अपील पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की। महिला की सास ने ने इस बारे में जानकारी दी कि वह अपने पति को हिजड़ा कहती थी। दंपत्ति की शादी 2017 में हुई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा महिला ने जो कुछ भी कहा है, वह क्रूरता है। कोर्ट ने कहा कि पति को हिजड़ा कहना या फिर किसी मां से यह कहना कि उन्होंने हिजड़े को जन्म दिया है, बेहद ही क्रूर है।
'पोर्न देखने की आदी है पत्नी'
तलाक की याचिका में पति ने ये भी आरोप लगाया कि पत्नी रात को देर से सोती थी और सुबह लेट उठती थी और उसकी बीमार मां से ग्राउंड फ्लोर से पहली मंजिल पर खाना भेजने के लिए कहती थी। पत्नी को पोर्न देखने की लत थी। अपनी याचिका में, शख्स ने ये भी आरोप लगाया कि पत्नी उससे शारीरिक संबंध बनाने की अवधि रिकॉर्ड करने के लिए कहती थी और ये भी कहती थी कि "एक बार में कम से कम 10-15 मिनट तक चलना चाहिए और यह रात में कम से कम तीन बार होना चाहिए।''
पत्नी ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया और कहा कि पति ने उसे घर से निकाल दिया। उसने ये भी कहा कि ससुराल वाले उसे नींद की गोलियां देते थे और जब वह गहरी नींद में होती थी तो तांत्रिक से ताबीज कराकर उसे पहना देते थे। उसे ऐसा पानी पिलाया जाता था जिस से वह वश में रहे।
इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि पति और पत्नी पिछले 6 साल से अलग रह रहे हैं। वहीं दोनों को साथ लाना नामुमकिन है। ऐसे में कोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।