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पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए चार महिलाओं से शादी कर चूका है। ये गिरोह परिवार से संपर्क करता था और दुल्हन के बदले लड़की के घर वालों के साथ ठगी करता था। ये गिरोह इसरो जैसे शीर्ष संस्थानों में नौकरी होने का दावा करता और फिर परिवारों को ठगता था। अब तक इस गिरोह ने कई परिवारों से 1.50 करोड़ रुपये की ठगी की है।
पुलिस के अनुसार, नेल्लोर जिले के वेंकटगिरी मंडल का मूल निवासी असम अनिल बाबू अब खम्मम जिले के मधिरा में रह रहा है। उसने तेलुगु भारत मेट्रोमोनियल वेबसाइट पर खुद को कल्याण नाम से रजिस्टर किया और जब उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो नाम बदल कर कल्याण रेड्डी कर दिया। दुल्हन के परिवारवालों का फोन कर दूल्हे का पिता बताता। आरोपी अनिल बाबू दुल्हन के परिवारवालों को कहता कि वो और उसकी पत्नी इसरो में काम कर रहे हैं। इसी के साथ उनका बेटा भी इसरो में है।
अनिल बाबू जो कि दूल्हा बताता ये भी कहता कि उसके पास 100 एकड़ खेती की जमीन और दो विला हैं। दुल्हन को वो ये भी कहता कि उसे दहेज भी नहीं चाहिए और दुल्हन को नौकरी दिलाने का भी वादा करता। बदले में मोटी रकम मनगटा था। वह यह तय करता था कि पेमेंट उसके पर्सनल बैंक अकाउंट की जगह किसी अन्य अकाउंट में जमा की जाए। उसने बेंगलुरु में एक विला और हैदराबाद के बाहरी इलाके चेवेल्ला में एक फार्म हाउस किराए पर लेकर वहां अपने नकली माँ बाप से भी मिलवा दिया।
मां-बाप के अलावा आरोपी ने एक पर्सनल पीए, दो बाउंसर और एक चौकीदार को भी रखा। इस बीच, उसने एलुरु जिले के भीमाडोले मंडल के गुंडुगोलानु में उसने एक परिवार से संपर्क किया और कहा कि उनकी एक बेटी गुंडा लक्ष्मी कुमारी से शादी करेगा और उनकी दूसरी बेटी को इसरो में नौकरी दिलाएगा। इस प्रक्रिया में, उसने परिवार से 9.53 लाख रुपये ठगे। एक अन्य आरोपी थुंगा शशांक के साथ साथ मिल कर उसने इंटरव्यू का एक फर्जी लेटर भी जारी करवा दिया।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसके पास से 22 लाख रुपये नकद, , 13 सिम कार्ड, एक कार फर्जी नियुक्ति आदेश बनाने में इस्तेमाल किया गया कंप्यूटर, पांच मोबाइल लैपटॉप, बैंक पास बुक, चेक बुक आदि बरामद की है।
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