- SHARE
-
एससी-एसटी आरक्षण व्यवस्था में क्रीमी लेयर और उप-वर्गीकरण लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज एससी-एसटी समुदाय ने देशभर में भारत बंद का आह्वान किया है। इस फैसले के खिलाफ कई दलित और आदिवासी संगठनों ने यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है।
भारत बंद को कई राजनीतिक समूहों का समर्थन भी मिला है।
राजस्थान में दो आदिवासी नेता इस मुद्दे पर एक-दूसरे के विरोधी पक्ष में हैं। बांसवाड़ा से भारतीय ट्राइबल पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने बंद को निरर्थक बताया है जबकि जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेता किरोड़ी लाल मीना ने बंद का समर्थन किया है।
राजकुमार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ''फुट डालो राज करो मानसिकता वाली नीति से सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम जजों द्वारा ST- SC आरक्षित समाज को आपस में लड़ाने के फैसले का हम विरोध करते हैं। हर राज्य में ST-SC समुदाय की अलग-अलग परिस्थिति है, इस स्थिति में सरकारे सच में ST-SC समुदाय का भला चाहती है तो राज्य में गैर अनुसूचित क्षेत्र, अनुसूचित क्षेत्र एवं रेगिस्तान ट्राइबल क्षेत्र के हिसाब से ST-SC के वंचित परिवारों को लाभ दे सकती है, लेकिन ऐसा नहीं करके उप जाति एवं आर्थिक आधार पर बांटकर भाई-भाई को लड़ाने का प्रयास किया गया है।''
किरोड़ी बोले- मैं मैं सुप्रीम कोर्ट की भावना के साथ हूं
वहीं दूसरी और भारतीय जनता के नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि क्रीमीलेयर पर मैं सुप्रीम कोर्ट की भावना के साथ हूं. उन्होंने कहा कि इसलिए साथ हूं. मेरे गांव में एक व्यक्ति 30 साल पहाड़ खोदकर मजदूरी करके पेट पाल रहा है. उसके बेटे भी उसी घर में पढ़े. मैं डॉक्टर भी बन गया. मेरा भाई IRS और IAS भी बन गया. मैं मंत्री भी बन गया. लेकिन, वो अभी तक नहीं बन पाया.