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समाचार जगत पोर्टल डेस्क। एक विकलांग बच्चे की दिलचस्प कहानी। जिसे सुनकर हर कोई,सम्मान से सिर झुकाता है। इस खास बच्चे की उम्र पंद्रह साल की है। मगर उसके शरीर में 135 फैक्टर हो चुके है और आठ बार उसकी सर्जरी हो चुकी है। तज्जूब की बात यहीं खत्म नहीं होती,आज वह बहुत ही अच्छा गाता है। म्यूजिक कंपोज करने में भी महारत हासिल कर चुका है। मोटी वेशनाल स्पीकर भी कमाल का है। जी हां,आप को शायद विश्वास न हो।
मगर उसकी सफलता की सीडी बहुत ऊंची है। जिसे देखने और परखने के लिए आकाश की ओर सिर उठाना पड़ता है। स्पर्श नाम के ने अब तक छह देशों 125 परफॉर्मेंस दे चुका है। कुल सात सिंगिग कमपीटिसन जीत चुका है। वह यूनाइटेड नेशन,गुगल,टेडक्स गेटवे,गोवा फर्स्ट, एन बी ए के बड़े इवेंट्स में अपना शो भी कर चुका है। स्पर्श को ग्लोबल इंडियन अवार्ड चैंपियन ऑफ होप,स्पेशल अचिवर्स अवार्ड,इंस्पिरेशन अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस,मोस्ट इंस्पेयरिंग इंडिविजुअल अवार्ड जैसे ढेरों अवार्ड ले चुका है।
यह बालक अब न्यूयॉर्क में रहता है। वह मूलनिवासी गुजरात के सूरत के निवासी है। वह आर्टियाजा जेनिशैसिस इंपार्फेक्टा नामक बीमारी से पीड़ित है। यह रोग इस कदर खतरनाक है कि जोर से हाथ मिलाने भर से हड्डियां टूट जाती है। स्पर्स के हाथो में तीस और साठ फेक्चर है। यही कारण है कि उसे हर वक्त विल्चेयर पर रहना पड़ता है। इनके पिता हीरेन शाह कहते है कि जन्म के समय स्पर्श के शरीर में चालीस फैक्टर थे। जन्म के बाद पूरे एक साल नाक में ट्यूब लगाकर रखनी पड़ती थी। क्युकी वह कुछ भी नही निगल पता था। तीन साल तक अपने हाथ में पेंसिल नही पकड़ पाता था।
आज हमें इस बात पर गर्व है कि भगवान ने हमारे पास भेजा। एक समय तक हम उसे गोद में नहीं उठा पाते थे। मगर आज वो सभी के दिल को छू रहा है। उस की योगिता का प्रमाण यह था कि तीन साल की उम्र में ही किताबें पढ़ना शुरू कर दिया था। मगर एक बार तो की बोर्ड बजाने पर ही स्पर्श को फेक्चर हो गया था। मगर उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे धीरे वह स्टेज शो करने लगा। इस कार्य में उसकी मम्मी पापा ने बहुत सहयोग किया। धीरे धीरे वह लोगों के दिलों का बदस्सशाह बन गया। अभी तक उसने तीस गीत लिखे है। पिछले नौ सालों से इंडियन मुजिक और सात सालों से अमरीकन बोकल म्यूजिक सीख रहा है। पंद्रह साल के इस बच्चे को लोग आयरन मैन के नाम से पहचाने लगे है। अपने आप में मिसाल बन गया है।