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pc: navbharattimes
राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को भजनलाल सरकार को अपने ही भाजपा विधायक के विरोध का सामना करना पड़ा। कांग्रेस जहां विधानसभा सत्र की शुरुआत से ही लगातार सरकार पर निशाना साध रही है, वहीं अब भाजपा विधायक खुद ही अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं। निम्बाहेड़ा विधायक श्री चंद्र कृपलानी ने सरकार की आलोचना करते हुए योजनाओं को लेकर उसकी मंशा पर सवाल उठाए। इससे कांग्रेस को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया।
विधायक ने अपनी ही सरकार की मंशा पर सवाल उठाए
गौरतलब है कि कुछ दिनों से भाजपा विधायकों में भजनलाल सरकार के प्रति नाराजगी साफ देखी जा रही है। इससे पहले बैर विधायक बहादुर सिंह कोली और ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। गुरुवार को भाजपा विधायक श्री चंद्र कृपलानी ने विधानसभा में सरकार को घेरते हुए स्कूल और मातृ-शिशु केंद्र खोलने के मापदंड के बारे में पूछा। इस पर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब दिया तो भाजपा विधायक असंतुष्ट नजर आए।
सरकार का विरोधाभासी रुख
कृपलानी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार जनसंख्या नियंत्रण की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ कम आबादी वाले इलाकों में बाल स्वास्थ्य केंद्र नहीं खोलती। उन्होंने सवाल किया, "सरकार क्या चाहती है? हम स्कूल खोलना चाहते हैं, लेकिन आप कहते हैं कि बच्चों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए। सड़क बनाने के लिए जनसंख्या 2,000 होनी चाहिए। सरकार के मापदंड समझ से परे हैं।"
भाजपा विधायकों का विरोध
मुख्यमंत्री भजनलाल पिछले कुछ दिनों से अपने ही भाजपा विधायकों के विरोध का सामना कर रहे हैं। ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने नौकरशाही पर गंभीर सवाल उठाए, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। उन्होंने कहा कि नौकरशाही सरकार पर हावी है और प्रतिनिधियों की कोई आवाज नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनकी बात नहीं सुनी जाती तो प्रतिनिधि होने का क्या मतलब है। इसी तरह, बैर विधायक बहादुर सिंह कोली ने हाल ही में भजनलाल सरकार की योजनाओं पर हमला किया, जिसमें कन्यादान योजना को खास तौर पर निशाना बनाया और अधिकारियों में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
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