Bihar Land Survey: जमीन सर्वे में बदला एक और नियम, समयसीमा बढ़ी, वंशावली की अनिवार्यता खत्म

Trainee | Friday, 27 Dec 2024 03:20:00 PM
Bihar Land Survey: Another rule changed in land survey, deadline extended, genealogy requirement abolished

बिहार में जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया में लगातार बदलाव हो रहे हैं, जिससे नागरिकों को भ्रम और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब वंशावली की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, और समयसीमा को बढ़ाकर आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस लेख में जमीन सर्वेक्षण के नवीनतम नियम, प्रक्रिया और आवश्यक दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

जमीन सर्वेक्षण के प्रमुख संशोधन:

  1. वंशावली की अनिवार्यता समाप्त:
    पहले वंशावली प्रस्तुत करना अनिवार्य था, लेकिन अब इसे सर्वे प्रक्रिया से हटा दिया गया है। यह बदलाव नागरिकों के लिए राहतकारी है।
  2. समयसीमा में वृद्धि:
    सर्वेक्षण की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के लिए समयसीमा बढ़ा दी गई है। मानचित्र तैयार करने के लिए अब 90 दिन और दावा-आपत्ति दर्ज करने के लिए 60 दिन दिए गए हैं।
  3. ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन विकल्प:
    नागरिक DIRS बिहार की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं, ऑफलाइन आवेदन के लिए पंचायत या अंचल कार्यालय का विकल्प उपलब्ध है।

पटना जिले की स्थिति:
पटना के 1511 राजस्व ग्रामों में से 1300 ग्रामों में सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि, अब तक केवल 40% आवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकार नागरिकों को जागरूक करने और आवेदन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।

आवेदन प्रक्रिया के लिए आवश्यक जानकारी:

  • खाता नंबर, खेसरा नंबर, रकवा और चौहद्दी की जानकारी
  • जमाबंदी रसीद (मालगुजारी रसीद)
  • ऑनलाइन आवेदन: DIRS बिहार की वेबसाइट पर
  • ऑफलाइन आवेदन: पंचायत या अंचल कार्यालय

 

 

 

 

 

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