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भारत में डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते उपयोग के साथ UPI (Unified Payments Interface) फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2023 के पहले 6 महीनों में UPI धोखाधड़ी से 485 करोड़ रुपये की ठगी की गई। सरकार और RBI ने इन मामलों पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीकों सहित कई उपाय अपनाए हैं।
UPI फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े:
- 2023-24 का डेटा:
- कुल लेन-देन: ₹13,100 करोड़।
- धोखाधड़ी के मामले: 13.4 लाख।
- ठगी की राशि: ₹1,087 करोड़।
- अप्रैल-सितंबर 2023:
- मामले: 6.32 लाख।
- ठगी की राशि: ₹485 करोड़।
- 2022-23 की तुलना में:
UPI फ्रॉड के मामलों में 85% की वृद्धि हुई है।
UPI फ्रॉड रोकने के लिए उठाए गए कदम:
- तकनीकी उपाय:
- CPFIR रजिस्ट्री:
RBI द्वारा शुरू की गई सेंट्रल पेमेंट धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री, जो फ्रॉड ट्रांजेक्शन पर निगरानी रखती है।
- AI और ML आधारित समाधान:
NPCI ने बैंकों को AI और ML आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम प्रदान किया, जो संदिग्ध ट्रांजेक्शन की पहचान करता है।
जागरूकता अभियान और शिकायत प्रक्रिया:
- जागरूकता अभियान:
- साइबर अपराधों पर जागरूकता के लिए SMS, रेडियो और डिजिटल मीडिया का उपयोग।
- शिकायत के लिए हेल्पलाइन और पोर्टल:
- संचार साथी पोर्टल:
टेलीकॉम डिपार्टमेंट द्वारा संदिग्ध कॉल्स और मैसेज की रिपोर्ट के लिए संचार साथी पोर्टल।
कैसे करें UPI फ्रॉड से बचाव?
- OTP, PIN या संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- साइबर अपराध से जुड़े किसी भी मामले को तुरंत रिपोर्ट करें।