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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध में हुए इजाफे को लेकर प्रदेश के भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने अब सोशल मीडिया पर इस संबंध में आंकड़े पेश किए हैं।
अशोक गहलोत ने इस संबंध में ट्वीट किया कि राजस्थान में भाजपा ने महिला सुरक्षा पर ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ कैंपेन चलाया था। प्रधानमंत्री जी ने तो राजस्थान की तुलना मणिपुर तक से कर दी थी और राजस्थान को बदनाम किया, परन्तु यहां भाजपा सरकार बनने के बाद जून तक पहले छह महीने में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़े हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक छह महीने में अपराध आंकड़े निम्न है:
-2023 की तुलना में महिला अपहरण के मामलों में 10.28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
-बलात्कार के मामलों में 8.03 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
-गैंगरेप के मामलों में 7.19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। नाबालिगों से गैंगरेप के मुकदमों में 10.16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
-जून तक महिलाओं से बलात्कार के 2,758 एवं नाबालिगों से बलात्कार के 794 मुकदमे दर्ज हुए।
-6 महीने में बलात्कार के 3,552 मुकदमे दर्ज हुए यानी रोजाना 19 बालिकाओं एवं महिलाओं का बलात्कार हुआ।
- सबसे चिंताजनक बात ये है कि इन मुकदमों में से 51.79 प्रतिशत मुकदमों की जांच अभी तक लंबित है।
सरकार को बताना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए क्या किया है?
अब राजस्थान पूछ रहा है कि आखिर भाजपा सरकार के इस कुशासन और महिलाओं के साथ हो रही इस हिंसा को ‘कब तक सहेगा राजस्थान’? हमारी सरकार ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए हर जिले में सिकाउ यूनिट एवं एडिशनल एसपी की तैनाती, निर्भया स्कवॉड, थानों में महिला डेस्क, स्पेशल हेल्पलाइन नंबर, एफआईआर का अनिवार्य पंजीकरण, एसपी ऑफिस में एफआईआर की सुविधा समेत तमाम कदम उठाए थे। इस सरकार को बताना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए क्या किया है?
PC: deccanherald
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