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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में पेश नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि इस बजट से राजस्थान को निराशा हाथ लगी है।
अशोक गहलोत ने एक्स के माध्यम से कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है। ऐसा लगा कि राजनैतिक कारणों से केन्द्र सरकार ने केवल आंध्र प्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो।
पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया
भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, परन्तु पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री जी का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था।
हमें आशा थी कि केन्द्र सरकार इस बजट में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी एवं ईआरसीपी के लिए विशेष फंड मिलेगा लेकिन केन्द्र सरकार ने ईआरसीपी पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है।
ऐसा दिशाहीन बजट देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में शायद ही कामयाब हो
पहले भाजपा सरकार का वादा 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का था, परन्तु अब 5 साल में 1 करोड़ इंटर्नशिप एवं 5,000 रुपए महीने देने की घोषणा बजट में की गई है।
महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं। ना तो पेट्रोल डीजल पर कोई टैक्स कम किया गया और ना ही रसोई गैस सस्ती की गई। राजस्थान में हमारी सरकार ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया। जब राजस्थान राज्य ऐसा कर सकता है तो केन्द्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? पूरे बजट भाषण को पढऩे के बाद जनता निराश है। ऐसा दिशाहीन बजट देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में शायद ही कामयाब हो।
PC: abplive
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