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चंडीगढ़। पंजाब सरकार के दफ्तरों के खुलने तथा बंद होने का समय मंगलवार से बदल गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस कदम से न केवल बिजली बचाने में मदद मिलेगी बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी मिलेंगे।
राज्य के सरकारी विभागों का समय पहले सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक था लेकिन आज यानी दो मई से यह समय सुबह साढ़े सात बजे से अपराह्न दो बजे तक हो गया है। नयी समयसारिणी में 30 मिनट का भोजन अवकाश खत्म कर दिया गया है। लेकिन फिर भी कर्मचारी को पहले के मुकाबले एक घंटा कम काम करना पड़ेगा।
अपने कर्मियों के साथ सुबह सात बजकर 28 मिनट पर यहां सिविल सचिवालय पहुंचे मान ने कहा कि दफ्तरों का यह नया समय 15 जुलाई तक लागू रहेगा और इससे ढाई महीने के दौरान करीब 40-42 करोड़ रुपये की बचत होगी।उन्होंने कहा, ''आज से सभी सरकारी कार्यालय सुबह साढ़े सात बजे खुलेंगे और अपराह्न दो बजे तक काम करेंगे। इस कदम से फायदा भी होगा।’’
कुलदीप सिह धालीवाल, हरपाल सिह चीमा और अमन अरोड़ा समेत पंजाब के कई मंत्री भी नए समय के अनुसार अपने कार्यालय पहुंचे।मान ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''इस फैसले को लागू करने से पहले हमने कर्मचारियों तथा लोगों से बात की तथा वे समय बदलने के इस फैसले पर राजी हो गए।’’ उन्होंने कहा कि इस कदम से बिजली बचाने में मदद मिलेगी और ''बिजली एक बड़ा मुद्दा है।’’
उन्होंने कहा कि जब सरकारी दफ्तर अपराह्न दो बजे बंद हो जाएगा और उसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद हो जाएंगे तो इसका मतलब होगा कि प्रति दिन करीब 350 मेगावॉट तक कम खपत होगी जिससे बिजली के बिलों पर हर महीने करीब 16-17 करोड़ रुपये बचेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह 15 जुलाई तक कुल 40-42 करोड़ रुपये की बचत होगी।
बहरहाल, मान ने यह भी कहा कि यह फैसला केवल बिजली बचाने के लिए नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में क्षेत्र में गर्मी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जब दफ्तर सुबह साढ़े सात बजे खुल जाएंगे तो लोग सुबह जल्द ही अपना काम करा सकते हैं। वे इसके बाद अन्य काम भी निपटा सकते हैं।
मान ने कहा कि स्कूल के समय को ध्यान में रखते हुए भी कार्यालय के समय में परिवर्तन किया गया है ताकि अभिभावकों या छात्रों को कोई समस्या न आए। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अनुसार, बिजली की खपत सबसे ज्यादा अपराह्न डेढ़ बजे से चार बजे तक होती है और कार्यालयों के नए समय से लोड कम होगा।
पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को परिवर्तित समय के अनुसार अपने कार्यालय पहुंचते हुए देखा गया। जिलों में उपायुक्त समेत वरिष्ठ अधिकारी सुबह साढ़े सात बजे से पहले ही अपने दफ्तर पहुंच गए।यहां सिविल सचिवालय में अपने कार्यालय में एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि परिवर्तित समय से सुबह लगने वाले यातायात जाम से निजात मिलेगी और साथ ही उन्हें अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताने का मौका मिलेगा।
हालांकि, फगवाड़ा के एक अन्य सरकारी कर्मचारी ने काम के नए घंटों को लेकर थोड़ी चिता जतायी। नाम न उजागर करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने में दिक्कत आएगी।उन्होंने कहा, ''मेरे बच्चों की स्कूल बस आने का समय भी सुबह साढ़े सात बजे और मुझे साढ़े सात बजे तक दफ्तर पहुंचना होगा।’’
इसके अलावा महिलाओं समेत कुछ कर्मचारी हैं जिन्हें किसी दूसरे शहर में अपने कार्यालयों तक पहुंचने के लिए रोज लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे कर्मचारियों के लिए समय में बदलाव काफी मुश्किल होगा।मान ने कहा कि तीन से चार राज्यों ने भी उन्हें दफ्तरों के समय बदलने के नतीजे और फायदे बताने को कहा है ताकि वे भी ऐसा प्रयोग करने पर विचार कर सकें।
उन्होंने कहा कि यातायात जाम की समस्या से जूझने वाले दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में ऐसे कदमों को लागू करने से स्थिति में सुधार आ सकता है।यह पूछने पर कि क्या परिवर्तित समय 15 जुलाई के बाद भी लागू रहेगा, इस पर उन्होंने कहा कि सरकार इस कदम के परिणाम देखेगी और कर्मचारियों तथा जनता से प्रतिक्रिया लेगी और फिर इस पर फैसला करेगी।
गांवों में परिवहन सेवाओं पर एक सवाल पर मान ने कहा कि उनकी सरकार बेरोजगार युवाओं को बस के नए परमिट देगी ताकि ग्रामीण इलाकों में बस सेवाएं बढ़ायी जा सकें।
Pc:Divya Himachal