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pc: indiatv
गुजरात में चांदीपुरा वायरस के मामलों में वृद्धि के बाद, राजस्थान अब उदयपुर जिले में मामला सामने आने के साथ हाई अलर्ट पर है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस संक्रामक रोग के जवाब में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।
क्षेत्र के दो बच्चों में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। यहाँ स्थिति का विस्तृत विवरण दिया गया है।
स्थिति क्या है?
उदयपुर जिले में, चांदीपुरा वायरस के संभावित प्रसार से निपटने के लिए विशेष उपाय करने का आदेश दिया गया है। विभाग इस संदिग्ध संक्रामक रोग के बारे में सक्रिय रूप से जानकारी एकत्र कर रहा है। बताया गया कि उदयपुर के खेरवाड़ा ब्लॉक के भीतर दो गाँवों में बच्चों में चांदीपुरा वायरस के लक्षण पाए गए।
एक बच्चे की मौत
अधिकारियों के अनुसार, खेरवाड़ा ब्लॉक के नलफला और अखीवाड़ा गाँवों के दो बच्चों का गुजरात के हिम्मतनगर में इस संदिग्ध बीमारी का इलाज किया जा रहा था। ये गाँव गुजरात की सीमा के पास स्थित हैं, और निवासी अक्सर काम के लिए पड़ोसी क्षेत्रों में जाते हैं। दुखद रूप से, बच्चों में से एक की जान नहीं बची, जबकि दूसरे का अभी भी इलाज चल रहा है।
पुणे भेजे गए नमूने
गुजरात चिकित्सा प्रशासन द्वारा जांच के लिए नमूने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को भेजे गए हैं। गौरतलब है कि इस वायरल संक्रमण के मामले पहले गुजरात में पाए गए थे, जबकि राजस्थान में आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। चांदीपुरा वायरस मच्छरों, टिक्स और सैंडफ्लाई के माध्यम से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है, और देरी से उपचार गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।
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