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केंद्र सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए 8 नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का कुल बजट ₹24,657 करोड़ है और इन्हें 2030-31 तक पूरा किया जाएगा। इससे सात राज्यों की 40 लाख से अधिक आबादी और 510 गांव भारतीय रेलवे से जुड़ जाएंगे।
रेल परियोजनाओं का महत्व
ये परियोजनाएं न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ेंगी बल्कि स्थानीय व्यापार, उद्योग, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी गति देंगी। परियोजनाओं से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और ट्रैवल टाइम में कमी होगी।
8 नई रेल परियोजनाएं
- गुनुपुर-थेरुबली (ओडिशा): 73.62 किमी लंबी रेल लाइन।
- जुनागढ़-नबरंगपुर (ओडिशा): 116 किमी लंबी रेल लाइन।
- मल्कंगिरि-पांडुरंगापुरम (ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना): 173 किमी रेल मार्ग।
- बुरामारा-चकुली (झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा): 59.96 किमी लंबी रेल लाइन।
- जालना-जलगांव (महाराष्ट्र): 174 किमी रेल मार्ग।
- विक्रमशिला-कतरेह (बिहार): 26.23 किमी लंबी रेल लाइन।
प्रमुख लाभ
- रेलवे नेटवर्क का विस्तार: परियोजनाओं से भारतीय रेलवे में 900 किमी का विस्तार होगा।
- 64 नए स्टेशन: ग्रामीण इलाकों के लिए बेहतर यात्रा सुविधाएं।
- आर्थिक सुधार: स्थानीय व्यापार और लॉजिस्टिक सेक्टर को बढ़ावा।
- लोगों को मुआवजा: जमीन अधिग्रहण के लिए करोड़ों रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
नई रेल परियोजनाओं से प्रभावित राज्य
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- झारखंड
- पश्चिम बंगाल
- महाराष्ट्र
- बिहार
यह परियोजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संपर्क बेहतर करेगी और देश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाएगी।