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उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक महाकुंभ मेला 2025 की तैयारी के तहत राज्य सरकार ने नया जिला ‘महाकुंभ मेला’ घोषित किया है। इस कदम का उद्देश्य आयोजन को बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा प्रदान करना है। इसके साथ ही, यूपी में जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नए जिले की घोषणा करते हुए इसे प्रशासनिक दृष्टि से ऐतिहासिक कदम बताया।
महाकुंभ मेला जिला: प्रशासनिक ढांचा और उद्देश्य
नया महाकुंभ मेला जिला स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई के रूप में कार्य करेगा। इसके अंतर्गत चार तहसीलें—सदर, सोरांव, फूलपुर, और करछना—शामिल की गई हैं, जिसमें 67 गांव शामिल हैं।
- कलेक्टर मेलाधिकारी: विजय किरन आनंद।
- एसएसपी: राजेश द्विवेदी।
- नए जिले में थानों और चौकियों की स्थापना से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी।
महाकुंभ मेला 2025: प्रमुख आयोजन
13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में 100 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। शाही स्नानों की तारीखें निम्नलिखित हैं:
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति।
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या।
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी।
- 13 फरवरी: पौष पूर्णिमा।
- 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा।
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि।
महाकुंभ मेला जिले के गांवों की सूची
नए जिले में प्रयागराज सदर तहसील के 25 गांव जैसे कुरैशीपुर उपरहार, अली पट्टी, अल्लापुर बस्की कछार, गोविंदपुर उपरहार आदि शामिल किए गए हैं। इन गांवों को नए प्रशासनिक ढांचे में शामिल करने से महाकुंभ मेले के दौरान व्यवस्थाएं और अधिक सुलभ हो जाएंगी।
महत्व और प्रभाव
महाकुंभ मेला जिला न केवल प्रशासनिक कार्यों को बेहतर बनाएगा बल्कि यह धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और सुगम बनाने में भी सहायक होगा। यह कदम राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।