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नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के विलय को दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार के निर्देश संबंधी एनसीएलटी के आदेश को निरस्त कर दिया है।
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पहले बीएसई और एनएसई को निर्देश दिया था कि वे इस विलय सौदे को मंजूरी देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। गत 11 मई को जारी इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की गई थी।
अपीलीय न्यायाधिकरण की दो-सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी से कहा है कि वह जी एंटरटेनमेंट और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया) के बीच विलय के सौदे पर नए सिरे से विचार करे। इसके साथ ही उसने सभी पक्षों की राय जानने के लिए भी एनसीएलटी को कहा है।
एनसीएलटी की मुंबई पीठ के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए जी एंटरटेनमेंट ने कहा था कि उसे अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर नहीं दिया गया। इसके साथ ही उसने गैर-प्रतिस्पर्द्धा बिंदुओं पर एनसीएलटी का कोई न्यायिक-क्षेत्र नहीं होने की दलील भी रखी।इस विलय सौदे के तहत सोनी के पास संयुक्त कंपनी में 50.86 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी।
जी के संस्थापकों के पास चार प्रतिशत और बाकी हिस्सेदारी जी एंटरटेनमेंट के अन्य शेयरधारकों के पास जाने वाली है।इसके अलावा सोनी ग्रुप की तरफ से एस्सेल ग्रुप के प्रवर्तकों को 1,100 करोड़ रुपये का गैर-प्रतिस्पर्द्धी शुल्क भी दिया जाएगा।
Pc:The Vocal News Hindi