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WhatsApp का इस्तेमाल पूरी तरह से मुफ्त है। मैसेजिंग, ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के लिए यूजर्स से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। दुनियाभर में 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स के साथ यह सवाल उठता है कि आखिर WhatsApp की कमाई कैसे होती है, क्योंकि यह सीधे तौर पर विज्ञापन भी नहीं दिखाता है।
WhatsApp को सुचारू रूप से चलाने के लिए बड़ी इंजीनियरिंग टीम और अन्य स्टाफ की जरूरत होती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स में से एक WhatsApp कैसे कमाई करता है।
कमाई के मुख्य स्रोत
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बिजनेस मैसेजिंग सर्विस: आम यूजर्स के लिए WhatsApp फ्री है, लेकिन कंपनियों और बिजनेस अकाउंट्स से शुल्क लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर, जो कंपनियां OTP या प्रमोशनल मैसेज भेजती हैं, उनसे WhatsApp शुल्क वसूलता है। यह इसकी कमाई का मुख्य जरिया है।
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डेटा मॉनेटाइजेशन: WhatsApp उपयोगकर्ता डेटा का विश्लेषण करके अपनी पैरेंट कंपनी Meta के विज्ञापन मॉडल को मजबूत बनाता है और इससे अप्रत्यक्ष रूप से राजस्व अर्जित करता है।
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इन-ऐप खरीदारी: WhatsApp "बिजनेस टूल्स" और विशेष सुविधाओं के लिए इन-ऐप खरीदारी से भी कमाई करता है।
पहले WhatsApp फ्री नहीं था
शुरुआत में WhatsApp के उपयोग के लिए शुल्क लिया जाता था। लेकिन 2014 में जब मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta (पहले Facebook) ने इसे खरीदा, तब इसे पूरी तरह से मुफ्त कर दिया गया। 2018 में कंपनी ने WhatsApp for Business की शुरुआत की, जिससे बड़े बिजनेस Verified Messages के लिए भुगतान करते हैं।
WhatsApp में लगातार बदलाव
WhatsApp यूजर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगातार नए फीचर्स जोड़ता रहता है। हाल ही में HD फोटो और वीडियो शेयरिंग की सुविधा जोड़ी गई है। इसके अलावा, मैसेज एडिट करने का विकल्प भी दिया गया है। इन सुधारों से WhatsApp अपने यूजर्स के बीच लोकप्रिय बना रहता है।